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धर्म संस्कृति

आर्ट ऑफ लिविंग : निर्जन बंजर भूमि से लेकर हरे मैदान तक की यात्रा !!!

संपादकीय : -एस के सिंह : प्रधान संपादक

बेंगलुरु- भारत :-  गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर के दूरदर्शी नेतृत्व द्वारा निर्देशित और दुनिया भर में समर्पित स्वयंसेवकों द्वारा संचालित, बेंगलुरु स्थित आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर ने चार दशकों से भी कम समय में, बंजर भूमि को आश्चर्यजनक रूप से एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र में रूपांतरित किया है।

इस रूपांतरण के केंद्र में व्यापक वृक्षारोपण पहलें हैं, जो न केवल परिदृश्य को नया आकार प्रदान करती हैं, बल्कि प्रदूषण को न्यूनतम करने से लेकर वन्यजीव अभयारण्यों के निर्माण तक अनेक पारिस्थितिक लाभ भी प्रदान करती हैं। 300 से अधिक एकड़ के क्षेत्र में फैला, 25,000 से अधिक वृक्षों की प्रजातियों के साथ, बेंगलुरु स्थित यह केंद्र एक महत्वपूर्ण कार्बन सिंक के रूप में कार्य करता है, जो प्रतिवर्ष 625 टन CO2 को संग्रहित करता है।

सौंदर्यबोध से परे, बेंगलुरु स्थित आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर अपनी कलात्मकता के साथ-साथ समग्र भूदृश्य डिजाइन, प्राकृतिक स्थलाकृति और नवीन जल संग्रहण प्रणालियों के उपयोग पर अपना ध्यान केंद्रित करता है। यह दृष्टिकोण पारिस्थितिकी तंत्र को समृद्ध बनाता है, भूजल पुनःपूर्ति में अपना योगदान प्रदान करता है, और जल की कमी को कम करता है।

इस केंद्र में असाधारण जैव विविधता दिखाई देती है, जिसमें पक्षियों की 144 प्रजातियां, तितलियों की 102 प्रजातियां और कई लुप्तप्राय वनस्पतियां और जीव-जंतु मौजूद हैं। संरक्षण के संबंध में किए जा रहे इन उल्लेखनीय प्रयासों में एक समृद्ध प्राकृतिक फार्म और देशी नस्ल के मवेशियों का पोषण करने वाली गौशाला शामिल हैं।

इन पारिस्थितिक आश्चर्यों के बीच, वैदिक ज्ञान से ओत-प्रोत शांत स्थानों के साथ आध्यात्मिकता यहां एक अभिन्न अंग बनी हुई है। नक्षत्रा वनम से लेकर गुरु पादुका वनम तक, प्रत्येक क्षेत्र आध्यात्मिकता और प्रकृति के बीच गहरे संबंध को प्रदर्शित करता है।

आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर मानवीय प्रयास और पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक के रूप में कार्य करता है, तथा सकारात्मक परिवर्तन और प्राकृतिक दुनिया के साथ सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को प्रेरित करता है।  आज, यह बेंगलुरु के बाहरी इलाके में हरित नवाचार की पहचान के रूप में खड़ा है, जो आगंतुकों को इसकी शांत सुंदरता और पर्यावरणीय लोकाचार का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करता है।

आर्ट ऑफ लिविंग सोशल प्रोजेक्ट्स के बारे में

आर्ट ऑफ लिविंग एक गैर-लाभकारी, शैक्षणिक और मानवीय संगठन है जिसकी स्थापना 1981 में विश्व प्रसिद्ध मानवतावादी और आध्यात्मिक अग्रदूत गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने की थी। गुरुदेव के ज्ञान और प्रेरणा से प्रेरित होकर, आर्ट ऑफ लिविंग सोशल प्रोजेक्ट्स ने परिवर्तनकारी पहलों के माध्यम से समाज में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने का संकल्प लिया है। समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हमारा संगठन व्यक्तियों और समुदायों दोनों की भलाई में योगदान करने का प्रयास करता है।

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