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कुली का लड़का से 2023 के महाराष्ट्र केसरी तक, ऐसे हुआ ‘लाल मिट्टी का सिकंदर !!!

जावेद अत्तार - विशेष प्रतिनिधि

पुणे:-2022 में एक गलत निर्णय के कारण गरीबी से जूझ रहे शेख परिवार के कुली के बेटे महाराष्ट्र केसरी को सम्मान से दूर रखा गया। लेकिन कल हुए कुश्ती के मैदान में सिकंदर ने 66वें महाराष्ट्र केसरी का खिताब जीता और अपने पिता के साथ अपने तालुका के नेता भी बन गये।

जनवरी 2022 में योजना बनाकर मुरलीधर मोहोल ने महाराष्ट्र में पहलवानो को बढ़ावा देने के लिए टूर्नामेंट आयोजित किए। हालांकि, आखाडे में गलत पंचगिरी के कारण पूरे महाराष्ट्र केसरी प्रतियोगिता पर सवालिया निशान लग गया था।

जिस सिकंदर शेख को उसके पिता ने पूरी जिंदगी पीठ पर बोझ ढोकर तैयार किया, उसे ‘महाराष्ट्र केसरी’ सम्मान से चूकना पड़ा। लेकिन, कडी मेहनत के साथ, अपने दृढ़ संकल्प के साथ तैयारी जारी रखी कि ‘महाराष्ट्र केसरी होगा’। आख़िरकार सिकंदर ने 10 नवंबर को आयोजित महाराष्ट्र केसरी कुश्ती टूर्नामेंट में भाग लेकर ‘महाराष्ट्र केसरी’ का ख़िताब जीत लिया।

14 जनवरी 2022 को पुणे में महाराष्ट्र केसरी प्रतियोगिता आयोजित की गई। क्ले सेक्शन की फाइनल कुश्ती में मोहोल के सिकंदर शेख बनाम महेंद्र गायकवाड़ के बीच हुई कुश्ती में रेफरी ने रेफरी कमेटी पर कई कुश्ती में भेदभाव करने का आरोप लगाया।

मैदान पर एक फैसले ने सिकंदर को महाराष्ट्र केसरी बनने से रोक दिया। इस बार जैसे ही पहिलवान सिकंदर शेख के महाराष्ट्र केसरी बनने की खबर सोलापूर के मोहोल शहर में आई, बचपन से कुश्ती में उसकी मदद करने वाले पूर्व महापौर रमेश बारस्कर सहित कई कुश्ती प्रशंसकों ने पटाखे फोड़कर अपनी खुशी का इजहार किया।महाराष्ट्र केसरी का खिताब जीतने के बाद सिकंदर शेख को एक चांदी की गदा, एक महिंद्रा थार जीप और पांच लाख रुपये नकद दिए गए।

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