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प्रेरणा/बधाईयां

एक संदेश उन महिलाओं के लिए जो कमजोरी को अपनी ताकत बनाकर हमेशा आगे बढ़ती है। !!!

नूतन कच्छप: सहायक ब्यूरो प्रमुख

किस्को/लोहरदगा: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर शुक्रवार को लोहरदगा जिला के किस्को प्रखंड के ग्राम डटमा की स्थानीय महिला प्रमिला उरांव की मुंह जुबानी अपने आप को महिला होने का गौरव प्राप्त की एक संदेश उन महिलाओं के लिए जो कमजोरी को अपनी ताकत बनाकर हमेशा आगे बढ़ती है।‌

आदिवासी समाज के उस तबके से आती हैं, जिन्हेंं पिछड़ा और असहाय समझा जाता है, लेकिन वे अब ऐसी मान्यताओं और पूर्वाग्रहों को धता बताकर न केवल अपनी राह में आने वाली बाधाओं से पार पा चुकी हैं, बल्कि अपने जैसी अन्य महिलाओं को भी आगे बढऩे में सहयोग करते हुए अपनी नेतृत्व क्षमता को बखूबी साबित कर रही हैं।

प्रमिला उरांव ने उन सभी भारतीय महिलाओं को बताना चाहती है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपना हक अधिकार को अपनी मेहनत व सिर उठाकर जीवन व्यतीत कर सकती है। मैं प्रमिला उरांव एक गरीब कृषि कार्य करने वाला किसान की बेटी हूं। मेरे परिवार में मात्र तीन ही सदस्य के लोग हैं। मेरे पिताजी स्व0 गोवर्धन उरांव जिसका सड़क दुघर्टना में बहुत साल पहले हो चुका था। मेरी मां खेती बारी करके लोहरदगा पतरा टोली संन्तअन्ना हाई स्कूल में अपना शिक्षा एक क्लास से दस तक ग्रहण की। इसके बाद इंटर की पढ़ाई के लिए लोहरदगा किस्को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय और स्नातक (बी ए) रांची विमेंस कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की।

स्नातक पूरी करने के बाद गरीबी के कारण आगे पढ़ नहीं पा रही थी तो उसने किस्को प्रखंड में एकल अभियान संस्था के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब बच्चों के लिए पूरे देश भर में एक लाख से ज्यादा ट्राईबल बच्चों के लिए यह संचालित रात्रि पाठशाला में अपनी पढ़ाई के साथ साथ वहां पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाने का काम की। अपने खुद के दम पर आज तीन परिवार के सदस्यों का खर्च अपने दम पर कर रही है।

प्रमिला उरांव ने कहा कि भारत में कई महिलाएं ऐसी हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं अपितु अन्य महिलाओं को स्वावलंबन की राह प्रशस्त कर रही हैं। एकल अभियान में संच प्रमुख प्रमिला उरांव ने अपना प्रचार प्रसार कार्यक्रम में भाग लेकर प्रचम लहरायी। और अपना बदलाव करते हुए आगे बढ़ रही है।

इस बदलाव की वाहक बनी हैं वे महिलाएं जिनका नजरिया चौंकाता है, जिनके सपने अंधियारे को चीरकर रोशनी बिखेर रहे हैं। रोमांचित करने वाली और हर हाल में उठ खड़े होने की आस जगा रही है।‌

प्रमिला उरांव अपने कार्य क्षेत्र में जहां 30 एकल विद्यालय का संचालन संच प्रमुख पद पर रह कर अपने किस्को प्रखंड में चला रही है। उसने अपने कार्य क्षेत्र में बहुत अच्छे अच्छे कार्य जैसे खेल कूद, फोटो प्रतियोगिता, महिलाओं में शिक्षा जागरूकता, स्वास्थ्य साफ सफाई का कार्यक्रम करते रहती है।

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