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प्रशिक्षण- शिक्षा

यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए समर्पण और धैर्य की आवश्यकता !!!

जावेद अत्तार : विशेष प्रतिनिधि

पुणे-लातूर :-यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और धैर्य की आवश्यकता होती है। प्रसिद्ध हिंदी “कवि वृंद” की एक कविता है ‘रसरि आवत जात टेम, सिल पर परी निसान।यह कविता यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए महत्वपूर्ण कही जा सकती है। इसी कुंजी से सफलता हासिल करने वालों में आईएएस अधिकारी विशाल नरवाड़े भी शामिल हैं। पांच बार यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद वह आईएएस बने। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी।

लातूर में स्कूली शिक्षा
महाराष्ट्र के लातूर जिले के रहने वाले आईएएस विशाल नरवाड़े की स्कूली शिक्षा लातूर में हुई। इसके बाद उन्होंने जबलपुर आईआईटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया। बी.टेक करने के दौरान ही उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का फैसला कर लिया था। उन्होंने आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करने का सपना देखा था, लेकिन इस सपने को पूरा करना आसान नहीं था।

महाराष्ट्र के लातूर जिले के रहने वाले आईएएस विशाल नरवाड़े की स्कूली शिक्षा लातूर में हुई। इसके बाद उन्होंने जबलपुर आईआईटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया। बी.टेक करने के दौरान ही उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का फैसला कर लिया था। उन्होंने आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करने का सपना देखा था, लेकिन इस सपने को पूरा करना आसान नहीं था।

पांच बार यूपीएससी की परीक्षा दी
आईएएस पद तक पहुंचने के लिए विशाल नरवाड़े को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने एक या दो बार नहीं बल्कि लगातार पांच बार यूपीएससी की परीक्षा दी. सबसे पहले उन्होंने 2016 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और आईपीएस बने। फिर 2019 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और देश में 91वीं रैंक हासिल कर आईएएस बने। आईएएस विशाल नरवाड़े यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए एक प्रेरणा हैं जो पहली या दूसरी बार असफलता के बाद निराश हो जाते हैं और यूपीएससी की तैयारी छोड़ देते हैं।

सफलता की रणनीति क्या है?
अपनी सफलता की रणनीति के बारे में आईएएस विशाल नरवाड़े कहते हैं, ‘विषय को वेटेज दें। यूपीएससी का सिलेबस बहुत लंबा है. इसलिए अगर इस पूरे अध्ययन को कवर करने की कोशिश की जाएगी तो यह समय पर पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए उन विषयों को अधिक महत्व दें जिनमें परीक्षा में अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे आपका समय भी बचेगा और तैयारी में भी मदद मिलेगी. इस अध्ययन तकनीक से प्रीलिम्स क्लियर किया जा सकता है।’

अपनी तुलना दूसरों से न करें
विशाल नरवाड़े ने यूपीएससी की तैयारी करने वालों को एक अहम सलाह भी दी है. वह कहते हैं, ‘परीक्षा की तैयारी करते समय अपनी तुलना किसी और से न करें। क्योंकि हर किसी की क्षमताएं अलग-अलग होती हैं। पढ़ाई का तरीका भी अलग है. ऐसी स्थिति में खुद पर भरोसा रखें. भले ही आपके पास सीमित संसाधन हों, लेकिन उनके साथ सही दिशा में काम करें। इसके अलावा एक महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने अध्ययन स्रोतों को बार-बार न बदलें। समय-समय पर किताबें बदलने से तैयारी नहीं हो पाएगी।’

रिवीजन जरूरी है
विशाल नरवाड़े यूपीएससी की तैयारी में रिवीजन को बहुत जरूरी मानते हैं. वह कहते हैं, परीक्षा की तैयारी के दौरान जितना संभव हो सके रिवीजन करें। परीक्षा को सही ढंग से और सकारात्मक सोच के साथ लें। परीक्षा का तनाव लेंगे तो नुकसान होगा. कड़ी मेहनत से सफलता अवश्य मिलेगी।

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