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झारखण्ड

ख़ुलासा-प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र- चिरकुंडा बंद होने के कगार पर !!!

सरबजीत सिंह : ब्यूरो चीफ-पूर्व

चिरकुंडा-धनबाद :- चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरकुंडा बंद होने की स्थिति में आ गया हैं ! बता दे की चिरकुंडा स्वास्थ्य केंद्र का संचालन सिटीजन्स फाउंडेशन रांची के द्वारा दिसंबर 2020 से किया जा रहा है ।

लेकिन वहीं संचालनकर्ता सिटीजन्स फाउंडेशन की देखरेख में चिरकुंडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मी कार्य छोड़कर जा रहे हैं क्योंकि विगत एक वर्ष से वेतन नहीं मिला है ।

इसके साथ साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरकुंडा में कर्मचारियों के रहने के लिए बने मकान वीरान पड़े हुए हैं रूम में ताले बंद है साफ सफाई की व्यवस्था समुचित नहीं है ऐसा प्रतीत होता है फाउंडेशन को जैसे एक खानापूर्ति के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिया गया है।

बता दे कि सिटीजन्स फाउंडेशन के द्वारा संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरकुंडा में पहले 17 कर्मचारी कार्यरत थे ! अब मात्र 11 कर्मचारी बचे है कर्मचारियों ने इस्तीफा देकर कार्य छोड़ दिया है क्योंकि कर्मचारियों को वेतन सही समय पर नहीं दिया जा रहा है ।

विगत एक वर्ष का वेतन बकाया चल रहा है इसलिए अभी जो कर्मचारी कार्यरत हैं उनकी स्थिति काफी दयनीय है जबकि कार्यरत कर्मचारियों द्वारा इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी और उपायुक्त धनबाद को सूचित किया गया था लेकिन कर्मचारियों को कोई निष्कर्ष नहीं मिला।

कर्मचारियों का कहना है हमारी फरियाद कोई नहीं सुनता वही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरकुंडा के प्रभारी शशि भूषण सिंह के द्वारा भी सिटीजन्स फाउंडेशन को कई बार वेतन के लिए मौखिक और लिखित रूप से दिया गया परंतु कोई कार्रवाई होती नहीं दिखती हैं ।

वही संक्रांति मीडिया ने जब सिटीजन्स  फाउंडेशन के एच आर अमित श्रीवास्तव से इस बारे में पूछा तो उनके द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा वेतन के संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग को अवगत करवाया गया है परंतु सिर्फ समय लिया जाता है ; केवल विभाग आज कल करते आ रहा हैं उनका कहना था कि हमारी फाउंडेशन को तीन साल से पेमेंट नहीं मिला है साथ ही संक्रांति मीडिया के द्वारा जब कहा गया कि आप स्वास्थ्य केंद्र को नहीं चला सकते हैं तो सरकार को लिखित देकर कार्य छोड़ दीजिए तो उनका जवाब था कि हम लिखित नहीं दे सकते हैं हमारा एकरारनामा 6 वर्ष का है सरकार जब हमें लिखित रूप से कहेगी कि आप संचालन छोड़ दीजिए तभी हम लोग छोड़ सकते हैं !

संचालनकर्ता का जवाब संतोषजनक दिखाई नहीं देता है इससे मालूम होता है कि संचलनकर्ता को कहीं ना कहीं लाभ पहुंच रहा है तभी यह छोड़ना नहीं चाहती ; परंतु इसके बीच स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कर्मचारी पीस रहे हैं उनकी स्थिति दयनीय है कर्ज में जिन्दगी बसर कर रहे हैं और कार्य कर रहे हैं ! इससे संचालनकर्ता सिटीजन्स फाउंडेशन को कोई फर्क नहीं पड़ता ।

बता दे की सिटीजन फाउंडेशन के पूरे झारखंड में 8 स्वास्थ्य केंद्र संचालित कर रही है ऐसा अमित श्रीवास्तव ने बताया ! वही यह आश्चर्य होता है कि एक स्वास्थ्य केंद्र ठीक से सिटीजन्स फाउंडेशन चला नहीं पा रही है तो 8 स्वास्थ्य केंद्र का संचालन कैसे हो रहा है क्या स्वास्थ्य विभाग सिर्फ कागज और प्रचार के लिए कार्य कर रहा है या आम जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है ?

अगर ऐसा रहा तो वही चिरकुंडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बंद होने से आसपास के हजारों लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा और केवल बिल्डिंग में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरकुंडा का बोर्ड ही दिखाई देगा है।

वैसे बता दे की चिरकुंडा स्वास्थ्य केंद्र के अलावा दो स्वास्थ्य केंद्र और आने वाले हैं चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र में वही सबसे बड़ी बात यह है कि एक स्वास्थ्य केंद्र सही से संचालित नहीं हो रहा जो बंद होने के कगार पर है तो दो स्वास्थ्य केंद्र कैसे संचालित होंगे ?

ऐसा प्रतीत होता है की व्यवस्था- प्रणाली केवल भ्रष्टाचार में लिप्त है स्वास्थ्य का प्रचार प्रसार केवल एक दिखावा मात्र है ! चाहे जो भी हो जनता को ही पीसना पड़ता हैं।

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