Advertisement
क्राइम-भ्रष्टाचार

रेत माफियाओं पर कार्यवाही का अंजाम पलारी तहसील से हाथ धोना पड़ा।!!!

"मैंने जिलाधीश के आदेश पर ही रेत गाड़ी की कार्यवाही किया "- नीलमणि दुबे, तहसीलदार

छत्तीसगढ़- मध्य प्रदेश : श्री संजय मिश्रा (स्टेट ब्युरो चिफ): बलौदाबाजार- बलौदाबाजार भाटापारा जिला क्षेत्र में दिन बुधवार से लेकर आज तक लगातार कांग्रेस की सरकार सुर्खियों में बनी हुई है, साथ ही साथ जिला प्रशासन और संसदीय सचिव व विधायक कसडोल के ऊपर कई प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप जैसे सवाल खड़े हो रहे हैं।

लोगों के मन में, कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं के मन में, अधिकारी कर्मचारी, शासकीय प्रशासनिक और लोकतंत्र के मुखारविंद से कई प्रकार के वार्तालाप सुनने व देखने को मिल रहे हैं।मामले का विवरण इस प्रकार से है कि दिन बुधवार को पलारी तहसीलदार नीलमणि दुबे के द्वारा ग्राम घोटिया के पास वाहन क्रमांक CG 22 U 0293 हाईवा जो रेत से भरी हुई थी जिसका बिना रायल्टी के परिवहन पर चलानी कार्यवाही हुई जिस पर कसडोल विधायक व संसदीय सचिव के द्वारा तहसीलदार नीलमणि दुबे को फोन किया गया मगर फोन नहीं उठाने पर तहसील जाकर कार्यवाही नहीं करने तथा तबादला कराने की बात कही और मात्र दो-तीन घंटे के अंतराल में ही तहसीलदार नीलमणि दुबे का रायपुर स्थानांतरण हो गया, जैसे ही स्थानांतरण की पत्र जारी हुई तभी से पूरे राजस्व विभाग के लोग सावधान हो गए और सचेत भी हो गए, मगर दूसरे ही दिन रामनवमी की पावन पर्व की तिथि थी इसलिए लोगों ने अपनी गुस्सा जाहिर नहीं की, मगर दिन शुक्रवार को पलारी तहसील के पूरे राजस्व निरीक्षक संघ, पटवारी संघ, कोटवार संघ, तथा अधिवक्ता संघ के द्वारा तहसीलदार के स्थानांतरण का विरोध में संवैधानिक अवकाश रखते हुए नारेबाजी किए।

संसदीय सचिव व विधायक कसडोल का अमानवीय चेहरा आया सामनें…

विधायक अपनें क्षेत्र में एक वरिष्ठ जन प्रतिनिधि के रूप में सामनें रहते हैं तथा हर प्रकार के विकास कार्यों को आगे बढ़ानें एवं हर कार्यों को अपेक्षाकृत दिशा देनें व अपनें क्षेत्र में हमेशा सांप्रदायिकता को बनानें के लिए मशहूर होते हैं, लेकिन कसडोल विधायक व संसदीय सचिव का अपनें क्रियाकलापों के वजह से दिनभर सुर्खियों में बने रहे और कांग्रेस पार्टी तथा राजस्व विभाग के नजरों में घिरे हुए से नजर आए, कहने का तात्पर्य यह है कि अगर तबादला विधायक के द्वारा नहीं करवाई गई तो फिर तहसील कार्यालय जाकर तहसीलदार को चिल्लाने का प्रश्न ही नहीं खड़ा होता इसी कारण से कसडोल विधायक व संसदीय सचिव दिनांक बुधवार से आज दिनांक तक लगातार लोकतंत्र के माहौल में घिरी हुई है।

पलारी तहसीलदार राज्य सरकार के निशाने पर पहले से...

पलारी के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने बताया कि वह लगातार दो महीने से रेत माफियाओं पर कार्यवाही कर रहे थे और अलग-अलग घाटों पर जाकर रेत परिवहन करने वाले को लगातार कार्यवाही कर रहे थे इसी तारम्य में नीलमणि दुबे तहसीलदार के द्वारा कुछ दिन पहले ही मलपुरी रेत घाट की कार्यवाही किए थे जिसमें एक करोड़ के लगभग की राशि की वसूली अभी बाकी है, तहसीलदार ने यह भी बताया कि वह घाट मंत्री के रिश्तेदार का था इसी वजह से वह राज्य सरकार के निशाने पर पहले से ही थे और आज कांग्रेसी नेता के ही गाड़ी की कार्यवाही करने के वजह से उसे पलारी तहसील से हाथ धोना पड़ा।

“मैंने जिलाधीश के आदेश पर ही रेत गाड़ी की कार्यवाही किया…
नीलमणि दुबे, तहसीलदार पलारी

“अधिकारियों का तबादला राज्य सरकार के द्वारा होते रहता है यह कोई बड़ी बात नहीं है…
शिव डहरिया, श्रम एवं नगरीय प्रशासन मंत्री

“पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में अवैध कारोबार अपनी चरम सीमा पर है कार्यवाही करने पर अधिकारियों का तबादला कर देते हैं और जो नौकरशाही रूप में कार्य करते हैं उनको पसंद करते हैं कांग्रेस सरकार…
“गौरीशंकर अग्रवाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}