Advertisement
समाजसेवी व संस्थाये

अयोध्या से आए अभिमंत्रित अक्षत एवं आमंत्रण पत्र को अग्रसेन वार्ड बिल्हा में रामभक्तों नें किया वितरित !!!

संजय मिश्रा : छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि

बिल्हा-बिलासपुर-छत्तीसगढ़:- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा अयोध्या से आए अभिमंत्रित अक्षत एवं आमंत्रण पत्र का छत्तीसगढ़ प्रदेश में बिलासपुर जिला अंतर्गत नगर पंचायत बिल्हा के अग्रसेन वार्ड में स्थानीय रामभक्तों के द्वारा प्रत्येक सनातनी हिन्दु समाज के घरों में अत्यंत हर्षोल्लास और उमंग के साथ भक्तिमय रस में सराबोर होकर वितरित किया गया।

आपको बतादें कि आगामी पौष शुक्ल द्वादशी, विक्रम संवत 2080, सोमवार, दिनांक 22 जनवरी 2024 के शुभ दिन, प्रभु श्री राम के बाल रूप नूतन विग्रह को श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।
इस अवसर पर अयोध्या में अभूतपूर्व आनंद का वातावरण होगा।

आप सभी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन (पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 01:00 बजे के मध्य) अपनें ग्राम, मोहल्ले, काॅलोनी में स्थित किसी मंदिर में आस-पड़ोस के रामभक्तों को एकत्रित करके भजन-कीर्तन करें, टेलीविजन अथवा कोई पर्दा (एल.ई.डी., स्क्रीन) लगाकर अयोध्या का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह समाज को दिखाएं, शंखध्वनि, घंटानाद, आरती करें, प्रसाद वितरण करें।कार्यक्रम का स्वरूप मंदिर केन्द्रित रहे, अपनें मंदिर में स्थित देवी-देवता का भजन-कीर्तन-आरती-पूजा तथा “श्री राम जय राम जय जय राम” विजय महामंत्र का 108 बार सामूहिक जाप करें।

इसके साथ हनुमान चालीसा, सुन्दरकाण्ड, रामरक्षा स्त्रोत आदि का सामूहिक पाठ भी कर सकते है।सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे, वातावरण सर्वत्र सात्विक एवं राममय हो जाएगा।प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का दूरदर्शन द्वारा सीधा प्रसारण किया जाएगा तथा अनेक चैनलों के माध्यम से भी अपनें-अपनें स्तर पर प्रसारण किया जाएगा।प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सायंकाल सूर्यास्त के बाद अपनें घर के सामनें देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाएंगे, दीपमालिका सजाएंगे, विश्व के करोड़ों घरों में दीप-उत्सव मनाया जाएगा।

प्राण-प्रतिष्ठा दिन के उपरांत प्रभु श्रीराम लला तथा नव-निर्मित मंदिर के दर्शन हेतु अपनें अनुकूल समयानुसार अयोध्या जी में परिवार सहित पधारें।

श्रीराम जी की कृपा प्राप्त करें।

इस अवसर पर अग्रसेन वार्ड क्रमांक तीन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रामभक्त प्रमोद यादव, पवन रजक, सिद्धार्थ शर्मा, रिद्धि सिंह ठाकुर, आजूराम निषाद, ललित मिश्रा, कुशल यादव, प्रेम रजक एवं विजय यादव सहित अन्य रामभक्तों का सराहनीय योगदान रहा।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर का विवरण

卐 मंदिर परम्परागत नागर शैली में निर्मित।

卐 मंदिर की लम्बाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट एवं ऊंचाई 161 फीट।

卐 तीन मंजिला मंदिर, प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट, कुल 392 खम्भे 44 दरवाजे।

卐 भूतल गर्भगृह-प्रभु श्रीराम के बाल रूप (श्री राम लला) का विग्रह, प्रथम तल गर्भगृह-श्रीराम दरबार।

卐 कुल पाँच मंडप- नृत्यमंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप (सभा मण्डप), प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप।

卐 खम्भे, दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियाँ।

卐 प्रवेश पूर्व से, 32 सीढ़ियाँ (ऊँचाई 16.5 फीट) चढ़कर सिंहद्वार से होगा।

卐 दिव्यांगजन तथा वृद्धों के लिए रैम्प एवं लिफ्ट की व्यवस्था।

卐 चारों ओर आयताकार परकोटा (प्राकार)- लम्बाई 732 मीटर, चौड़ाई 4.25 मीटर, परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर- भगवान सूर्य, शंकर, गणपति, देवी भगवती, परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर।

卐 मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीता कूप।

卐 श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज गृह, माता शबरी एवं देवी अहिल्या।

卐 दक्षिणी-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्धार एवं रामभक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}