द्वितीय राज्य स्तरीय वृहद लोक अदालत में तीन सौ अड़तालीस प्रकरण हुए निराकृत.
विचाराधीन बंदियों की रिहाई हेतु द्वितीय राज्य स्तरीय वृहद लोक अदालत
रायगढ़ –छत्तीसगढ़-(Mr. Sanjay Mishra-स्टेट ब्युरो चिफ) : माननीय न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश, छ0ग0 उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छ0ग0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ के सम्पूर्ण जेलों में विचाराधीन बंदियों की रिहाई हेतु द्वितीय राज्य स्तरीय वृहद लोक अदालत का आयोजन किया गया।
उपरोक्त जेल लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य जेलों में बढ़ती भीड़ को कम करना एवं छोटे अपराधों में लम्बे समय से निरूद्ध बंदियों को उनके अपराध स्वीकारोक्ति एवं अपराध की प्रकृति को देखते हुए उनके शीघ्र रिहाई किया जाना है ताकि जेलों में बंदियों एवं न्यायालयों में विचाराधीन बंदियों के मामलों की संख्या को कम किया जा सके।
उपरोक्त जेल लोक अदालत हेतु माननीय छ0ग0 उच्च न्यायालय के द्वारा सीजेएम/न्यायिक मजिस्टेट की जेल लोक अदालत की जेल परिसर में स्पेशल सिटिंग के भी निर्देश दिए गए थे।
उपरोक्त जेल लोक अदालत में जिला न्यायालय में लंबित मामलों के अलावा कार्यपालिक मजिस्टेट के न्यायालयों में लंबित मामलों के विचाराधीन बंदियों के प्रकरणों को भी शामिल किया गया है।
उपरोक्त राज्य स्तरीय वृहद लोक अदालत में कुल 67 खण्डपीठ का गठन किया जाकर कुल 348 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
ज्ञात हो कि देश की प्रथम राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन दिनांक 15-10-2022 को आयोजित किया गया था।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जेलों में प्रत्येक कार्य दिवस वाले शनिवार को सीजेएम/न्यायिक मजिस्टेट की जेल लोक अदालत भी आयोजित की जाती है।