
12 जून 2025 को एयर इंडिया की लंदन जाने वाली उड़ान AI 171 एक भयावह हादसे का शिकार हो गई। अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के महज 30 सेकंड के भीतर ही विमान क्रैश हो गया। इस भीषण दुर्घटना में 242 में से 241 लोगों की जान चली गई। मृतकों में 231 यात्री और 10 क्रू मेंबर शामिल हैं। केवल एक व्यक्ति ही इस हादसे में बच पाया।
विमान, जो कि एक Boeing 787 Dreamliner (VT-ANB) था, टेक-ऑफ के तुरंत बाद बेकाबू होकर एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से जा टकराया। दुर्घटना के समय हॉस्टल में दर्जनों छात्र मौजूद थे, जिससे 33 और जानें चली गईं।
डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने हादसे के तुरंत बाद जांच के आदेश दिए और विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) को बरामद कर लिया गया है। DGCA के अनुसार, टेक-ऑफ के बाद विमान ने केवल 625 फीट की ऊंचाई पाई थी, और फिर अचानक नीचे गिरने लगा।
पायलट की ओर से अंतिम मे-डे कॉल में कहा गया था: “We’ve lost thrust!” जिससे इंजन फेलियर की संभावना मजबूत होती है।
DGCA से मान्यता प्राप्त एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट डॉ. सैयद रिज़वान अहमद ने इस हादसे को तीन संभावित कारणों से जोड़ा:
तकनीकी खराबी (Engine Failure or Control Snag)
– फ्लैप, हाइड्रोलिक्स या इंजन ट्रस्ट फेलियर एक कारण हो सकता है।
मानव त्रुटि (Pilot or Crew Error)
– टेकऑफ से पहले सेटिंग्स में गड़बड़ी, या ऑपरेशनल मिसटेक्स।
सैबोटाज या दुर्भावनापूर्ण हस्तक्षेप
– हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच में यह पहलू भी शामिल रहेगा।
DGCA ने देश भर में सभी Boeing 787 Dreamliner विमानों की विशेष जाँच शुरू करने का आदेश दिया है, जिसमें इंजन, हाइड्रोलिक, ईंधन और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम की बारीकी से जांच की जाएगी।
भारत सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है जिसमें DGCA, गृह मंत्रालय, वायु सेना के सुरक्षा विशेषज्ञ, और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों — जैसे Boeing, GE Aviation, US NTSB और UK AAIB — भी इस जांच में सहयोग कर रहे हैं।
यह हादसा ऐसे समय हुआ है जब बोइंग पहले से ही अपनी गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को लेकर वैश्विक जांच का सामना कर रहा है। 787 ड्रीमलाइनर के निर्माण में उपयोग की गई कॉन्ट्रैक्ट असेंबली प्रैक्टिसेस और निगरानी प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।