
कोलकाता-ट्रेनों में ‘कवच (टकराव-रोधी) प्रणाली’ के कार्यान्वयन के लिए भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (15 अप्रैल) को एक जनहित याचिका (पीआईएल) का निपटारा कर दिया।जनहित याचिका पिछले साल बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद रेलवे में टक्कर-रोधी उपायों में सुधार की मांग कर रही थी।
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सुप्रीम कोर्ट की संबंधित पीठ ने कहा कि भारत संघ/भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में टक्कर-रोधी प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जैसे सुरक्षा प्रणाली की स्थापना, पटरियों की गुणवत्ता में सुधार, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और संवेदीकरण, सुधार। कवच प्रणाली के रखरखाव प्रथाओं और कार्यान्वयन में।
भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए, न्यायालय ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि जनहित में इन कार्यवाहियों की शुरुआत को भारतीय संघ और भारतीय रेलवे द्वारा पर्याप्त रूप से संबोधित किया गया है।
शुरुआत में कोर्ट ने यूनियन की ओर से पेश स्टेटस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि ट्रेन में सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की दिशा में काफी काम हुआ है.
याचिका का निपटारा करते हुए कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत संघ/भारतीय रेलवे परियोजनाओं को जारी रखेगा और रेलवे में कवच प्रणाली की शुरूआत के लिए आवश्यक कदम उठाता रहेगा।











