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विश्व भर में आवारा कुत्तों के इंसानों पर हमला – !!!

देश में पहली बार 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम !!

 

संपादकीय : विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहती है कि भारत में चीन के बाद सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। संख्या छह करोड़ से भी अधिक बताई गई है, लेकिन मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा 2019 में कराई गई पशुगणना में आवारा पशुओं की संख्या दो करोड़ तीन लाख बताई गई है। इनमें एक करोड़ 53 लाख आवारा कुत्ते हैं।

 

उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक आवारा कुत्ते हैं, उसके बाद ओडिशा, महाराष्ट्र और राजस्थान का स्थान है।

अगर आपके इलाके में आवारा कुत्ते हैं तो हेल्पलाइन नंबर 6005185660 पर डायल करें। ये नंबर नगर निगम ने डॉग कंपाउंड प्रोजेक्ट के लिए जारी किया है। इस टोल फ्री नंबर पर लोग अपनी शिकायत कर सकेंगे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि भारत में हर साल लगभग 20,000 लोग रेबीज से मरते हैं, जिनमें से अधिकांश मामले कुत्ते के काटने के कारण होते हैं। अक्टूबर 2022 में नोएडा में एक 1 वर्षीय बालक की आवारा कुत्ते के काटने से मृत्यु हो गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, केंद्र सरकार ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत पशु (कुत्ता) जन्म नियंत्रण नियमावली को अधिसूचित कर दिया है। इस नियमावली के अनुसार पशुओं पर अत्याचार रोकने के लिए देश में पहली बार 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था।

दुनिया के सबसे खूंखार कुत्तों में सबसे पहले नंबर पर पिटबुल का नाम है। पिटबुल सबसे घातक कुत्ते की एक नस्ल है। खतरनाक नस्ल के कुत्तों का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों का मनना है कि पिटबुल इंसान और जानवर पर अगर हमला कर दे तो उससे बचना मुश्किल हो जाता है।

आवारा कुत्तों के इंसानों पर हमला करने की कई खबरें आती रही हैं, लेकिन इंसानों के सबसे अनुकूल जानवर भी खूंखार क्यों हो जाते हैं? मूल रूप से ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें सड़कों पर भूखा-प्यासा छोड़ दिया जाता है; पशु विशेषज्ञों ने कहा कि कोई देखभाल करने वाला नहीं है या बहुत कम लोग हैं जो उनकी देखभाल करते हैं

धारा 428 : पशुओं को मारना और जहर देना या उसे अपाहिज करने पर दो साल की कैद या दंड तथा दाेनों दिया जा सकता है। धारा 429 : पशुओं को मार डालने, जहर देना या अपाहिज कर देने पर पांच साल की सजा या दंड या फिर दोनों दिया जा सकता है। पीसीए एक्ट 1960 : इस एक्ट के तहत पशुओं के साथ क्रूरता किए जाने पर तीन माह की सजा का प्रावधान है।

कुत्ते के काटने का प्राथमिक उपचा

यदि काटे हुए जगह पर घाव नहीं है तो उस हिस्से को गर्म पानी और साबुन से धो लें। आप एहतियात के तौर पर जीवाणुरोधी लोशन भी लगा सकते हैं। यदि काटने के बाद वहां जख्म है तो उस हिस्से को धोने के बाद कोई एंटीसेप्टिक लगाएं और तुरंत रेबीज के इंजेक्शन के लिए अस्पताल जाएं।

विशेषज्ञों का कहना है कि कचरे का अनुचित निपटान, सड़कों पर पालतू जानवरों को छोड़ दिया जाना और सबसे महत्वपूर्ण, अपर्याप्त नसबंदी और कुत्तों का टीकाकरण राज्य में नियमित रूप से समस्या के प्राथमिक कारण हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुत्ते के काटने के बाद सबसे पहले खतरा घाव के संक्रमण का रहता है। जहां तक बात रेबीज वायरस की है तो यह संक्रमित जानवर के लार के घाव के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से फैलता है। रेबीज संक्रमण के लक्षण फ्लू के समान हो सकते हैं, जिसमें कमजोरी या बेचैनी, बुखार या सिरदर्द की समस्या होती है। काटने वाली जगह पर चुभन या खुजली भी बनी रह सकती है।

कुत्ते के काटने के बाद प्रारंभिक तौर पर विशेष ध्यान रखना । 
  • सबसे पहले को अच्छी तरह घाव को धो लें। हल्के गुनगुने पानी और साबुन का प्रयोग करें।
  • किसी साफ कपड़े की मदद से रक्तस्राव को कम करने की कोशिश करें।
  • यदि आपके ओवर-द-काउंटर एंटीबायोटिक क्रीम है तो उसे लगाएं।
  • प्राथमिक घरेलू उपायों के बाद तुरंत डॉक्टर से मिलें।
  • डॉक्टर की सलाह पर रेबीज का इंजेक्शन लगवाएं।
  • कुत्ते के काटने के लक्षणों जैसे गहरा लालिमा, सूजन, दर्द और बुखार आदि पर ध्यान रखें।

इसके बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।

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