“श्री निजानंद आश्रम वृंदावन में असामाजिक तत्वों द्वारा अव्यवस्था फैलानें पर किया आक्रोश व्यक्त…
संजय मिश्रा
वृंदावन-मथुरा-उत्तरप्रदेश:-श्री निजानंद आश्रम के श्री कृष्ण प्रणामी सेवा ट्रस्ट (रजि.) संत कॉलोनी वृंदावन में एक बैठक संपन्न हुई।बैठक की अध्यक्षता आश्रम के संरक्षक व व्यवस्थापक महंत सुधीप चंद्र महाराज नें की, बैठक को संबोधित करते हुए सुदीप चंद्र महाराज नें कहा कि श्री निजानंद आश्रम वृंदावन में कुछ असामाजिक तत्व घुस आए हैं जो संतों और श्रद्धालुओं के साथ बदतमीजी तो करते ही हैं, साथ ही साथ आश्रम में नशाखोरी भी चरम सीमा पर है, उन्होंने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को इस बारे में अवगत भी करा दिया है।
उन्होंने कहा कि गड़बड़ करनें वाले तुरंत आश्रम छोड़ दें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, हमनें कई बार असामाजिक तत्वों को समझानें का प्रयास किया लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष बुद्धा सिंह प्रधान नें कहा कि श्री निजानंद आश्रम का प्रशासन यदि भारतीय किसान यूनियन से मदद मांगता है तो इनका पूरा सहयोग किया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता गजेंद्र सिंह परिहार नें कहा कि आश्रम में कुछ असामाजिक तत्व संतो को पूजा तक नहीं करनें दे रहे हैं, ऐसे लोगों को आश्रम प्रशासन चिन्हित करें, उन्होंने कहा कि ऐसे असामाजिक तत्वों को आश्रम से बाहर खदेड़ा जाएगा, माह जुलाई में भारतीय किसान यूनियन का तीन दिवसीय मंडलीय चिंतन शिविर श्री निजानंद आश्रम में ही होगा, जिसकी सूचना मथुरा जिला प्रशासन को जल्द दे दी जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन आगरा के जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया नें कहा कि हमेशा से भारतीय किसान यूनियन किसानों, संतो, मजदूरों की हमदर्द रही है, यदि श्री निजानंद आश्रम के प्रशासन को भारतीय किसान यूनियन की जरूरत होगी तो हजारों की संख्या में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता, किसान सहयोग करनें के लिए तैयार हैं।
बैठक में श्री निजानंद आश्रम के अध्यक्ष कोमल सिंह तथा सचिव महाराज दास, आनंद दास महाराज, दीप चंद्र शास्त्री, कथा व्यास सुश्री साध्वी श्यामलता देवी जी, श्याम सुंदर शास्त्री, कृष्ण मोहन दास महाराज, सेवादार आशीष गुप्ता, दीपक गुप्ता, नरेश दास महाराज, विक्रम सिंह, धीर सिंह, जगदीश परिहार, हरवीर सिंह, वकील निजाम, मलखान सिंह, सलीम, बृज बिहारी, पिंटू विक्रम सिंह सहित सैकड़ों संत और किसान मौजूद रहे।