छत्तीसगढ़ किसान सभा नें बंद कराया रेल कॉरिडोर का काम !!!
सात दिवस में मुआवजा नहीं मिलने पर रेल पथ पर फसल लगाएंगे किसान..!!
छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश – संजय मिश्रा- छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में पुरैना-मड़वाढोढा के पास ग्रामीणों नें लाल झंडे गाड़कर रेल कॉरिडोर के काम को बंद कराते हुए सात दिनों में मुआवजा प्रकरणों का निराकरण नहीं होनें पर रेल पथ पर जुताई कर फसल की बुआई करनें का एलान किया है।
किसानों के उग्र तेवर को देखते हुए पुरैना के पास रेल कॉरिडोर निर्माण का काम बंद हो गया है, किसानों नें रेल कॉरिडोर के लिए तैयार रास्ते पर कब्जा कर लाल फीता लगा दिया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा कोयला ढुलाई को आसान बनानें के लिए गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, इसके लिए सैकड़ों गांवों के हजारों किसानों की हजारों हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिनमें से अधिकांश आदिवासी, दलित और कमजोर तबके से जुड़े हैं।
भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसान शिवरतन सिंह कंवर, मोहपाल सिंह, अजित सिंह, जगदीश, भैया राम आदि नें आरोप लगाया है कि उनकी अधिग्रहित जमीन और पेड़ों का मुआवजा उन्हें आज तक मिला नहीं है और अपनी जमीन के मुआवजे के लिए वे दो सालों से कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं।
किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा नें आरोप लगाया है कि कोरबा जिले में उद्योगों और अन्य शासकीय योजनाओं के नाम पर किसानों को बिना मुआवजा और सुविधा के बेदखल करनें का काम तेजी से चल रहा है, रेल कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों नें दो माह पूर्व भी आंदोलन कर जिला और रेल प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन आश्वासन के बावजूद आज तक समस्या का निराकरण नहीं किया गया है।
इसलिए किसानों के पास रेल कॉरिडोर निर्माण का काम रोकनें के सिवा और कोई विकल्प नहीं बचा है, उन्होंने कहा कि किसान सभा किसानों के साथ खड़ी है, जहाँ भी किसानों के अधिकारों को छीननें का प्रयास होगा, वहाँ संघर्ष तेज होगा।
किसानों के आंदोलन की खबर मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और कटघोरा के नायब तहसीलदार तथा बांकी थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए, लेकिन नायब तहसीलदार की समझाइश के बाद भी किसानों नें कॉरिडोर का काम शुरू नहीं होनें दिया।
ग्रामीण प्रभावित किसानों को मुआवजा ना मिलनें तक काम बंद करनें पर अड़े हुए हैं और रेल पथ पर धरना दे रहे हैं।
आक्रोशित किसानों के गुस्से को शांत करनें के लिए रेल अधिकारियों नें जिला प्रशासन की उपस्थिति में गुरुवार को गांव में बैठक कर समस्या का निराकरण करनें की बात कही है।
लेकिन किसानों नें काम शुरू होनें देनें से मना कर दिया है और सात दिनों में मुआवजा ना मिलनें पर रेल पथ पर फसल बोनें की घोषणा कर दी है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा नें मांग की है कि किसानों को अर्जित भूमि एवं पेड़ो का वर्तमान दर से मुआवजा दिया जाए, अधिग्रहण के बाद बची गैर-लाभकारी भूमि का भी अधिग्रहण करके मुआवजा दिया जाए तथा ग्रामीणों की आवाजाही के लिए पुरैना के पास तीन जगहों पर पुल निर्माण कराया जाए।
आंदोलन में प्रमुख रूप से किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, दामोदर श्याम, दीना नाथ, कृष्णा, संजय यादव, रामायण सिंह कंवर, अजीत सिंह, शिवरतन सिंह कंवर, जगदीश सिंह कंवर, दरबार सिंह समेत बड़ी संख्या में प्रभावित किसान और ग्रामीण उपस्थित थे।