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ज्योतिष दर्शन

20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा

ग्रहण प्रकृ्ति का एक अद्भुत चमत्कार है !

New Delhi ( Bureau) : सूर्य ग्रहण एक तरह का ग्रहण है जब चन्द्रमापृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है तथा पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा आच्छादित होता है।

ग्रहण प्रकृ्ति का एक अद्भुत चमत्कार है। ज्योतिष के दृष्टिकोण से यदि देखा जाए तो यह अभूतपूर्व अनोखा, विचित्र ज्योतिष ज्ञान है, जो ग्रह और उपग्रहों की गतिविधियाँ एवं उनका स्वरूप स्पष्ट करता है। सूर्य ग्रहण (सूर्योपराग) तब होता है, जब सूर्य आंशिक अथवा पूर्ण रूप से चन्द्रमा द्वारा आवृ्त (व्यवधान / बाधा) हो जाए। इस प्रकार के ग्रहण के लिए चन्दमा का पृथ्वी और सूर्य के बीच आना आवश्यक है। इससे पृ्थ्वी पर रहने वाले लोगों को सूर्य का आवृ्त भाग नहीं दिखाई देता है

इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा हैजब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाती है तो सूर्यग्रहण लगता है सूर्य ग्रहण को लेकर कई लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि इस बार सूर्यग्रहण कब से कब तक रहेगा? भारत में इसका प्रभाव होगा या नहीं? झारखंड के देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुगदल ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण इस साल का पहला सूर्यग्रहण है भारत में यह दिखाई नहीं देगा

” सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य का एक हिस्सा छुपा होता है-इसलिए कुछ अल्ट्रा वायलेट किरणें सीधे पृथ्वी पर आती है—जो मानव शरीर को प्रभावित करती है-इसलिए हमें इन किरणों के सीधे संपर्क में रहने से बचना चाहिए मानव मस्तिष्क को तर्क की आवश्यकता होती है—इसलिए यह धर्म के साथ जोड़ा गया है-और अंध विश्वास ही है !”

अगर समय की बात करें तो यह सुबह 07 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होगा जो दोपहर के 12 बजकर 32 मिनट तक जारी रहेगा उन्होंने कहा कि वर्ष का पहला सूर्यग्रहण अप्रैल के 20 तारीख को लग रहा है सूर्यग्रहण के 12 घंटा पहले सूतक काल लगता है सूतक काल में पूजा-पाठ करने की मनाही होती है लेकिन, यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसका प्रभाव यहां नहीं पड़ने वाला है, इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं रहेगा

20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा लेकिन, यह कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाइलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर पर दिखाई देगा

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