कैंसर से बचाव के लिए प्याज में एंटी-कैंसर गुण !
प्याज , औषधि तथा भोजन दोनों के रूप में किया जाता रहा !
Editorial – प्याज , औषधि तथा भोजन दोनों के रूप में किया जाता रहा ! यह तीखापन एक वाष्पशील तेल एलाइल प्रोपाइल डाय सल्फाइड कारण होता है। प्याज का उपयोग सब्जी, मसाले, सलाद तथा अचार तैयार करने के लिए किया जाता है। भारत में महाराष्ट्र में प्याज़ की खेती सबसे ज्यादा होती है। यहाँ साल मे दो बार प्याज़ की फ़सल होती है – एक नवम्बर में और दूसरी मई के महीने के क़रीब होती है। प्याज़ भारत से कई देशों में निर्यात होता है, जैसे कि नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, इत्यादि।विश्व में प्याज 1,789 हजार हेक्टर क्षेत्रफल में उगाई जाती हैं, जिससे 25,387 हजार मी. टन उत्पादन होता है।
पित्तरोग, शरीर दर्द, फोड़ा, खूनी बवासीर, तिल्ली रोग, रतौंधी, नेत्रदाह, मलेरिया, कान दर्द तथा पुल्टिस के रूप में लाभदायक है। आयुर्वेद के अनुसर अनिद्रा निवारक , फिट /चक्कर में सुंघाने के लिए उपयोगी। कीड़ों के काटने से उत्पन्न जलन को शान्त करता है ।
प्याज के विपुल उत्पादन के लिए पर्याप्त सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है। प्याज के उगाई के लिए बलुई दुमट भूमि सर्वोत्तम होती है।प्याज के पौधों का शिरा जब मुरझाने लगे तब सिंचाई नहीं करनी चाहिए। प्याज के पौध रोपण सितम्बर से दिसम्बर होता है।
प्याज खाने से आपको गर्मी नहीं लगेगी और गर्मी में इसका सेवन आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। प्याज का ज्यादा सेवन आपको सीने में जलन, गैस आदि समस्या से परेशान कर सकता है।
प्याज शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती है। इसमें फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटमिन-सी जैसे कई गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को निरोग बनाने के साथ-साथ इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करते हैं। कैंसर से बचाव – प्याज में एंटी-कैंसर गुण भी पाए जाते ।
बालों के हेल्दी बनाने में प्याज के तेल का अहम योगदान है। यही कारण है कि, कई हेयर केयर प्रोडक्ट्स और हेयर ऑयल्स में भी कलौंजी या प्याज के उपयोग का जिक्र मिलता है।