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ज्लद ही सहारा ग्रुप के निवेशकों का पैसा वापस मिल सकता है

गृह मंत्री अमित शाह इस मामले को लेकर जल्द बैठक करेंगे

दिल्ली ( Bureau) :- सहारा इंडिया परिवार एक भारतीय समूह है जिसका मुख्यालय लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत में है। समूह वित्त, बुनियादी ढांचे और आवास, रियल एस्टेट, खेल, बिजली, विनिर्माण, मीडिया और मनोरंजन, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन बीमा, शैक्षणिक संस्थान, ऑफ़लाइन ऑनलाइन शिक्षा (edunguru), खुदरा, ई-कॉमर्स (ऑनलाइन/ ऑफ़लाइन खरीदारी), विद्युत वाहन (सहारा विकास), अस्पताल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आतिथ्य और सहकारी समिति।

सहारा ग्रुप के निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार सहारा ग्रुप में लोगों के अटके हुए पैसे को वापस दिलाने के लिए सक्रिय नजर आ रही है. गृह मंत्री अमित शाह इस मामले को लेकर जल्द बैठक करेंगे.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सहारा ग्रुप के निवेशकों का पैसा दिलाने के लिए सोमवार को MCA यानी कि कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के ऑफिसर के साथ बैठक भी की थी।सरकार के इस एक्शन से अंदाजा लगाया जा रहा है कि बहुत ज्लद ही सहारा ग्रुप के निवेशकों का पैसा वापस मिल सकता है।ऐसा कहा जा रहा है कि निवेशकों का पैसा वापस दिलाने के लिए MCA और सेबी एक ऐसा रास्ता निकालेंगे। बता दें कि सहारा की तीन को-ऑपरेटिव में भी निवेशकों के करीब 1 लाख करोड़ रुपये अटके हुए हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश झारखंड और राजस्थान के लाखों लोगो का पैसा सहारा ग्रुप अभी तक फसा हुआ है।


सहारा ग्रुप की 523 कंपनियों में करीब 24000 करोड़ रुपए SEBI के पास जमा हैं। लेकिन SEBI अभी सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के निवेशकों को ही पैसा वापस कर रही है.रिपोर्ट के अनुसार, SEBI ने एक दशक के दौरान सहारा की दो कंपनियों के निवेशकों को 138 करोड़ रुपए का रिफंड दिया है।सेबी ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि उसे 31 मार्च, 2022 तक 19,650 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें रिफंड के कुल 82.31 करोड़ रुपये के दावे शामिल थे, जिसमें SEBI ने 17,526 मामलों में 68 करोड़ रुपये के ब्याज सहित 138 करोड़ रुपये का रिफंड दे दिया।वहीं, सेबी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, उसने 31 मार्च, 2021 तक कुल 129 करोड़ रुपये का रिफंड दिया है।

सहारा इंडिया परिवार की स्थापना 1978 में सुब्रत रॉय सहारा द्वारा की गई थी।  2004 में, सहारा समूह को टाइम पत्रिका द्वारा भारतीय रेलवे के बाद ‘भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता’ करार दिया गया था। समूह भारत भर में 5,000 से अधिक प्रतिष्ठानों का संचालन करता है जिसमें सहारा इंडिया छतरी के नीचे लगभग 12 लाख कर्मचारी हैं।

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