सरकारी भूमि वर्गीकरण में बदलाव से लाखों नागरिकों को राहत !!!
जावेद अत्तार : ब्यूरो चीफ-पश्चिम
मुंबई:- राज्य सरकार ने आठ जिलों में विभिन्न कारणों से सरकार से प्राप्त इनाम और मंदिर की जमीनों को वर्ग 2 से वर्ग 1 में लाने का निर्णय लिया है।
इससे कई वर्षों की मांग पूरी होगी और लाखों नागरिकों को राहत मिलेगी।जिन लोगों को ये जमीनें मिलीं, अब उनका मालिकाना हक उनके पास आ सकता है।यह निर्णय मंगलवार को उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई बैठक में लिया गया। फड़णवीस ने इस संबंध में प्रस्ताव राज्य कैबिनेट की बैठक में रखने का आदेश दिया।
इसलिए जल्द ही इस फैसले पर मुहर लगेगी और 60 साल से लंबित सवाल का निपटारा हो जाएगा। विदर्भ को लेकर ऐसा फैसला फड़णवीस ने मुख्यमंत्री रहते हुए लिया था।मराठवाड़ा में लगभग 13,803 हेक्टेयर ऐसी भूमि है। 2015 में राज्य सरकार ने इन जमीनों के हस्तांतरण के लिए 50 प्रतिशत राशि तय की थी और उक्त जमीनों को वर्ग-1 बनाने के लिए बिना अनुमति के हस्तांतरण को नियमित किया था।
अब इन जमीनों के हस्तांतरण के लिए 5 प्रतिशत की दर से बाजार मूल्य का आकलन किया जाएगा। फड़नवीस ने निर्देश दिया कि इस तरह के प्रस्ताव को जल्द से जल्द निर्णय के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाना चाहिए।मराठवाड़ा में लगभग 42,710 हेक्टेयर खिदमतमाश भूमि है। इन खिदमतमाश ज़मीनों पर अवैध निर्माण के साथ-साथ बड़े पैमाने पर कब्ज़ा भी किया गया है।
इसलिए, फड़नवीस ने यह भी कहा कि इन इनामी जमीनों के हस्तांतरण के लिए 100 प्रतिशत दर लगाई जानी चाहिए और हस्तांतरण को नियमित किया जाना चाहिए।
इस 100 प्रतिशत नजराना राशि में से 40 प्रतिशत मंदिर के स्थायी रखरखाव के लिए दिया जाएगा, 20 प्रतिशत मंदिर के प्रभारी लोगों को दिया जाएगा और शेष 40 प्रतिशत सरकार के पास जमा किया जाएगा। इस फैसले से मराठवाड़ा में करीब 55 हजार हेक्टेयर जमीन खुल जाएगी।
राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, अशोक चव्हाण, सुरेश धास, राणा जगजीतसिंह पाटिल, राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमार, छत्रपति संभाजीनगर संभागीय आयुक्त दिलीप गावड़े, उपमुख्यमंत्री के सचिव श्रीकर परदेशी उपस्थित थे।
*अधिभोग वर्ग 2 में 16 प्रकार की भूमि शामिल है। अब किसे मिलेगी राहत।:-
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बॉम्बे ट्राइबल टेन्योर एंड एग्रीकल्चरल लैंड्स एक्ट, 1948 की धारा 32सी के तहत बेची गई जमीनें।
■ विभिन्न इनाम और वतन भूमि (देवस्थान भूमि को छोड़कर)
विभिन्न योजनाओं/अतिक्रमण मानदंडों के तहत प्रदान की गई भूमि (भूमिहीन, खेतिहर मजदूर, स्वतंत्रता सेनानी आदि)।
■ विभिन्न योजनाओं (गृह निर्माण संस्थान, औद्योगिक प्रतिष्ठान, शैक्षणिक संस्थान, विशेष कॉलोनी परियोजनाएं आदि) के तहत दी गई भूमि/अतिक्रमण।
सीलिंग एक्ट यानी महाराष्ट्र कृषि भूमि अधिकतम प्रतिधारण अधिनियम, 1961 के तहत आवंटित भूमि।
नगर पालिकाओं, नगर पालिकाओं और विभिन्न प्राधिकरणों की विकास योजना में शामिल भूमि या मवेशी चराने या अन्य के लिए ग्राम पंचायत को दी जाने वाली भूमि।
उद्देश्यों के लिए वर्गीकृत भूमि, देवस्थान इनाम भूमि, जनजातीय खाताधारकों की भूमि।
■ महाराष्ट्र पुनर्वास अधिनियम के तहत दी गई भूमि।
पट्टे पर दी गई सरकारी भूमि।
■ भूदान और ग्रामदान के तहत दी गई जमीनें।
महाराष्ट्र निजी वन (अधिग्रहण) अधिनियम, महाराष्ट्र कृषि भूमि (भूमि धारण की सीमा) अधिनियम के तहत भूमि की जांच लंबित है।
■ भूमि स्वामित्व अधिकार द्वारा अर्जित भूमि 14) महाराष्ट्र कृषि भूमि (अधिकतम भूमि धारण) अधिनियम, 1961 के तहत अधिकतम सीमा से अधिक भूमि रखने से छूट दी गई भूमि।
■ भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत अधिग्रहीत भूमि
■ वक्फ भूमि।