
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के तहत लागू ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को हटाने की अनुमति दे दी है। यह फैसला वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के “गंभीर” श्रेणी से “बहुत खराब” श्रेणी में आने के बाद लिया गया।
पिछले कुछ दिनों में, दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में तेजी से सुधार हुआ है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत काम करने वाले सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, बुधवार सुबह दिल्ली का औसत AQI 270 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विशेषज्ञ समिति और सरकारी अधिकारियों की सिफारिशों के आधार पर GRAP-4 को हटाने की मंजूरी दी। GRAP-4 के तहत निर्माण गतिविधियों पर रोक, डीजल जनरेटर का उपयोग बंद करना, और ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध जैसे कड़े कदम शामिल थे।
पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हवा की गुणवत्ता में सुधार के साथ, GRAP-4 के कड़े प्रतिबंधों को हटाना उचित समझा गया है। हालांकि, अन्य चरणों के उपाय अभी भी लागू रहेंगे, ताकि प्रदूषण स्तर नियंत्रित रहे।”
पर्यावरणविदों का मानना है कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार अस्थायी हो सकता है। ग्रीनपीस इंडिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. अनिल शर्मा ने कहा, “वायु गुणवत्ता सुधार में मौसम की भूमिका अहम है। प्रदूषण नियंत्रण के दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान देना जरूरी है, अन्यथा सर्दियों के आने वाले हफ्तों में स्थिति फिर खराब हो सकती है।”
GRAP-4 के हटने के बाद दिल्लीवासियों को बड़ी राहत मिली है। निर्माण कार्यों पर लगे प्रतिबंध हटने से रियल एस्टेट उद्योग को भी राहत मिलेगी। इसके अलावा, परिवहन सेवाओं में सुधार की उम्मीद है, क्योंकि ट्रकों के प्रवेश पर से प्रतिबंध हट गया है।
हालांकि वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अभी सतर्कता की जरूरत है। सरकारी एजेंसियां नियमित मॉनिटरिंग कर रही हैं, ताकि स्थिति बिगड़ने पर तुरंत आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन प्रदूषण पर दीर्घकालिक नियंत्रण के लिए सख्त और प्रभावी नीतियों की आवश्यकता बनी हुई है।