पेशरार-लोहरदगा:- ग्रामीण सड़क संपर्क न केवल आर्थिक और सामाजिक सेवाओं तक पहुँच को बढ़ावा देकर ग्रामीण विकास का एक प्रमुख घटक है और इस प्रकार भारत में कृषि आय और उत्पादक रोजगार के अवसरों में वृद्धि करता है, बल्कि परिणामस्वरूप, यह किसी भी स्थायी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम को सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण घटक भी है।
पिछले कुछ वर्षों में, राज्य और केंद्र स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किए गए प्रयासों के बावजूद, देश में लगभग 40% बस्तियाँ अभी भी बारहमासी सड़कों से जुड़ी नहीं हैं। यह सर्वविदित है कि जहाँ कनेक्टिविटी प्रदान की गई है, वहाँ निर्मित सड़कें इतनी गुणवत्ता की हैं खराब निर्माण या रखरखाव के कारण कि उन्हें बारहमासी सड़कों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है।
यह कहानी झारखंड राज्य के लोहरदगा जिला के सूदूरवर्ती घनी आबादी वाला पहाड़ी क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् पेशरार प्रखंड कार्यालय से निकालकर 8 से 15 किलोमीटर की लगभग की दूरी में ग्राम दुग्गू, होन्हे, चैनपुर और केरार में सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। यह सड़क पेशरार प्रखंड के सुदूरवर्ती घनी आबादी जंगल में पहाड़ियों में आदिवासी समुदाय और अन्य ग्रामवासी निवास करते हैं।
इस घनी आबादी जंगल वाले रास्ते जो पहाड़ों के बीचोंबीच सड़क निर्माण कार्य खराब ढ़ग से किया जा रहा है। यह सड़क निर्माण कार्य ठेकेदार राइटवे कोमर्स प्राइवेट लिमिटेड ने लोहरदगा कार्यपालक अभियंता ग्राम का0वि0 कार्य प्रमंडल
द्वारा किया जा रहा है। इस रोड़ निर्माण कार्य में अनियमित ढंग से लाल मिट्टी मोराम, गलत सिमेंट से ढ़ालाई, जीप्स ना के बराबर, पानी का पाटवान बिल्कुल नहीं दिया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार को कुछ कहने पर गांव के लोगों को ही धमकी देता है इसलिए गांव और रोड़ पर मजदूरी करने वाले मजदूर चुप हो जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लोहरदगा जिला उपायुक्त महोदय को इस रोड़ निर्माण कार्य की एक बार अवश्य जांच करवाई करने की मांग की गयी हैं। उन्होंने ने कहा कि रोड़ एक बार बनता है बार बार नहीं।