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धर्म संस्कृति

सांगली के कडेगांव में हर्षोल्लास से मना मोहर्रम, हिंदू-मुस्लिम एकता का अनूठा प्रदर्शन !!!

जावेद अत्तार : ब्यूरो चीफ-पश्चिम

सांगली-पुणे : हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माने जाने वाले सांगली जिले के शहर कडेगांव में आज मुहर्रम मनाया गया। इस अवसर पर गगनचुंबी ताबूत के दर्शन का अनोखा पुरे भारत वर्ष मे सुप्रसिद्ध समारोह आयोजित किया गया।

इस समारोह को देखने के लिए कडेगांव में हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। गांव में हिंदू समुदाय के 7 और मुस्लिम समुदाय के 7 ताबूत हैं। आज मोहर्रम के दिन यह समारोह हर वर्ष की भांति हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।

ताबूत का दौरा कडेगांव शहर के ओल्ड एसटी स्टैंड चौक पर किया गया। बड़ी धूमधाम से इन ताबूत (ताजीये) केगले मिलन के इस उल्लेखनीय समारोह को देखने के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक राज्यों से हजारों भक्त उपस्थित थे।

सांगली जिले का कडेगांव शहर हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। यहां मनाया जाने वाला मोहर्रम उत्सव प्रतीकात्मक है। पिछले डेढ़ सौ साल से कडेगांव शहर के आसमान को छुने वाले ताबूत(ताजीये) गले मिल जाने की रस्म अदा करता आ रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि गांव के बारह बलुतेदार, अमीर गरीब, हिंदु मुसलमान सभी इस त्योहार को मनाने के लिए एक साथ आते हैं। इस समारोह की खास बात है 150 से 200 फीट का गगनचुंबी ताबूत या ताजिया।

ताबूतों का निर्माण सभी समुदायों के लोगों के माध्यम से कराने की प्रथा है। इस ताबूत का निर्माण मुसलमानों की बकरीद के बाद शुरू होता है। खास बात यह है कि 150 फीट ऊंचे बने इस ताबूत में कहीं भी कोई गांठ नहीं बंधी है।

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