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छत्तीसगढ़

बसाहट मुआवजा रोजगार का करें निराकरण, जबरिया नापी को लेकर भड़के ग्रामीण !!!

छत्तीसगढ़-प्रतिनिधि

गेवरा-कोरबा-छत्तीसगढ़:- साउथ ईस्ट कोलफील्ड लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत एसईसीएल गेवरा परियोजना के ग्राम पंचायत अमगांव के ग्रामीण आज नापी सर्वे करनें आए अधिकारियों को रोका और कहा कि पूर्व के आधा दर्जन ग्रामों के बसाहट मुआवजा रोजगार सहित अन्य प्रकरण लंबित है, अभी भी पुनर्वास मुआवजा रोजगार को लेकर ग्रामीण दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, और बरसात का समय पर नापी करना अनुचित है, ऐसे ही अमगांव पंचायत का बसाहट मुआवजा रोजगार सहित अन्य सुविधाएं मसले आज भी एसईसीएल गेवरा प्रबंधन के द्वारा निराकरण नहीं किया गया है ।

बसाहट को लेकर विस्थापन स्थल पर ना तो समतलीकरण और ना ही पेड़ पौधों की कटाई का एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा निराकरण नहीं किया गया है, अभी भी बसाहट लंबित पड़ा है, वैसे ही अमगांव की मुआवजा न्यायालय में प्रक्रियाधीन है, एसईसीएल गेवरा प्रबंधन के द्वारा कोई सहयोग नहीं मिल रहा है।

ग्रामीणों नें बताया कि अमगांव पंचायत की कई रोजगार प्रकरण का समाधान नहीं हुआ है, वे दर-दर भटक रहे हैं, पहले भी आधा दर्जन ग्रामों का अधिग्रहण कर नापी सर्वे करनें के उपरांत बसाहट मुआवजा रोजगार सहित अन्य मामले किसी ना किसी कारण लगाकर एसईसीएल प्रबंधन द्वारा लटका कर रखा गया है, साथ ही वर्षा ऋतु चालू है, बरसात के समय में नापी करना कहां का न्याय हैं, ग्रामीणों नें आगे कहा कि खदान और बस्ती कहीं नहीं भागा जा रहा है, खदान और बस्ती अपनें जगह स्थान पर है ।

पहले बसाहट मुआवजा रोजगार सहित अन्य मामलों का निपटारा एसईसीएल गेवरा प्रबंधन को करनें का सुनिश्चित किया जाए तब कहीं जाकर नापी सर्वे कराया जाए जब तक अमगांव पंचायत के पूर्व के मामले का निराकरण नहीं हो जाता तब तक नापी सर्वे करनें का कोई औचित्य ही नहीं है, जिसका आज ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया।

ऊर्जाधानी संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप नें अपनें प्रेस कथन में कहा कि एसईसीएल जोर जबरदस्ती और बरसात होनें के कारण नापी सर्वे को रोक लगाएं, पहले अमगांव पंचायत की बसाहट मुआवजा रोजगार सहित अन्य मामले का निराकरण होना चाहिए, उसके बाद ही नापी सर्वे करनें के लिए पंचायत के साथ बैठक कर सहमति बनाके कार्यवाही को आगे बढ़ाना चाहिए, यदि जबरिया नापी सर्वे मूल्यांकन किया जाएगा तो इसका जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करनें को बाध्य होंगे।

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