अस्सी साल के बुजुर्ग पंचराम कैवर्त की अभी तक नहीं हो पाई सुनवाई !!!
राजपत्रित अधिकारी के कार्यप्रणाली पर लग रहे प्रश्नचिन्ह !!
छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश – संजय मिश्रा : छत्तीसगढ़ प्रदेश के बलौदाबाजार भाटापारा जिला क्षेत्र में देखा जाए तो बहुतायत मात्रा में राजस्व के ऐसे मामले देखने को मिलते हैं जिसमें कई तरह के प्रकरण नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख सुधार, अभिलेख त्रुटि, नक्शा बटांकन, गिरदावरी, वसीयत नामा और भूमि से संबंधित कई तरह के आवेदन लगातार हमेशा क्षेत्रीय कार्यालयों में लगते रहते हैं, जिनमें कई प्रकरणों की शीघ्र ही सुनवाई भी हो जाती है और कई प्रकरणों पर धीरे-धीरे ही सुनवाई होती है।
लेकिन एक अस्सी साल के बुजुर्ग पंचराम कैवर्त नें राजस्व के अधिकारियों पर प्रश्नचिन्ह खड़े करते हुए अपनें वक्तव्य में और आवेदन के माध्यम से लिखित शिकायत भी किया है, परंतु आज दिनांक तक उनके किसी भी आवेदन का निराकरण नहीं किया गया है ।उनके द्वारा अनुविभागीय अधिकारी, जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री तक को भी आवेदन किया जा चुका है । मगर आज तक उनके किसी भी आवेदन का निराकरण नहीं हो पाया है, जिसके कारण राजस्व के मामलों को देखने पर बहुत सारे सवालिया खड़े हो रहे हैं।
मामले का विवरण इस प्रकार से है कि पंचराम कैवर्त, पिता लुलवा केवट, उम्र 80 वर्ष, ग्राम अमोदी, पोस्ट कटगी का रहने वाला है जिनके नाम पर लगभग 12 डिसमिल, खसरा नंबर 350, रकबा 0.49 हेक्टेयर भूमि का पहले उनके माताजी मंगतीन बाई, पति स्वर्गीय लुलवा के नाम पर राजस्व अभिलेख में दर्ज था।
जो कि मंगतीन बाई की मृत्यु के पश्चात फौत उठाने पर पंचराम केवर्त के नाम पर अभिलेख में दर्ज हुआ और लगभग 40-50 वर्षों से उनके नाम पर राजस्व अभिलेख में चला रहा है, जिनकी बगैर जानकारी के आधार पर तीज राम, पिता बोधी राम केवर्त, ग्राम अमोदी के द्वारा कुछ माह पूर्व तीज राम नें उस भूमि को फर्जी तरीके से अपने नाम पर करवा लिया, जिसकी जानकारी मिलते ही वह तहसील कार्यालय पहुंचे जहां पर उसे जानकारी मिला कि उनकी भूमि आज दिनांक में तीज राम, पिता बोधी राम केवर्त के नाम पर अंकित हो चुका है ।
जिस पर उन्होंने आपत्ति जताते हुए तथा राजस्व अधिकारी के कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए बताया कि दिनाँक 10/01/2022 को आवेदन लगना तथा 31/01/2022 को इतनी जल्दी रिकॉर्ड की भूमि दूसरे के नाम पर अंकित हो जाना क्या दिशा को दर्शाता है, जिस पर उन्होंने 18/04/2022 को अपील के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी कसडोल के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया जिस पर पेशी-पेशी लगभग 22-23 पेशी चलने के पश्चात अनुविभागीय अधिकारी के कोर्ट से खारिज कर दिया गया।
तत्पश्चात अपर कलेक्टर के कोर्ट में 13/03/2023 को पुनः निरीक्षण के लिए आवेदन लगाया जिस पर अपर कलेक्टर के द्वारा 24/04/2023 को भी निचली अदालत के आदेश के अनुसार कोर्ट की पैरवी कर दिया गया । इन सभी क्रियाकलापों और राजस्व के अधिकारियों की रूपरेखा को देखते हुए आवेदक नें दिनांक 04/04/2022 को पुलिस अधीक्षक, 05/07/2022 को कलेक्टर, 15/06/ 2022 को मुख्यमंत्री तथा 24/04/2023 को तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी, अपर कलेक्टर के फैसले को देखते हुए मायूसी जाहिर करते हुए कलेक्टर से पुनः अनुरोध करते हुए आवेदन दिए ।
मगर आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की उक्त 80 साल के बुजुर्गों को न्याय नहीं मिला, जिससे राजपत्रित अधिकारी पर इस तरह के क्रियाकलापों को देखकर प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं।
इस खबर के प्रसारण उपरांत अब देखनें वालीं बात यह होगी कि उपरोक्त मामले को लेकर जिलाधीश क्या संज्ञान लेते हैं, और आगे क्या दिशानिर्देश होता है, वह अगले अंक में तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी तथा अपर कलेक्टर से बात करनें के पश्चात पुनः खबर प्रकाशित की जाएगी। तब तक बनें रहे हमारे साथ….