
सोलापुर :- भारत में सर्वहारा वर्ग और उच्च वर्ग के बीच खाई पैदा करने का काम यहां की पूंजीवादी व्यवस्था ने जानबूझकर किया है। परिणामस्वरूप, सामाजिक और आर्थिक असमानता अधिक प्रचलित हो गई। बहुत से लोग न्याय के अपने प्राकृतिक अधिकार से वंचित हैं। लाल झंडे को उन शहीदों के बलिदान और खून का प्रतीक माना जाता है जिन्होंने ऐसे वंचित, उत्पीड़ित और हाशिये पर पड़े समूह को न्याय दिलाने के अंतिम लक्ष्य को स्वीकार करते हुए जीवन भर लोगों के लिए लड़ने की प्रतिज्ञा की।
बेशक, जो लाल सिपाही इस लाल झंडे को अपने कंधों पर लेकर लड़ाई में उतरता है और अपने हित को जनता के हित के अधीन मानता है, वह अपना जीवन जनता के आंदोलन के लिए समर्पित कर देता है। ऐसे लोगों को याद करने का ‘लाल झंडा दिवस’ जन-जन में समाहित होना चाहिए। वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक कॉ. नरसय्या आदम (गुरु) ने व्यक्त किये।
मंगलवार 25 फरवरी 2025 को वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक कॉ. झंडा नरसैया एडम (मास्टर) द्वारा फहराया गया।
इससे पहले प्रजा नाट्य मंडल के शाहिर प्रशांत मकल, विशाल पवार, अरुण सामल, चंद्रकांत मंजुलकर और अन्य ने क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किए।
इस समय मार्गदर्शन करते हुए कॉम. एमएच शेख ने कहा कि पार्टी का राज्य सम्मेलन 27, 28 फरवरी और 1 मार्च 2025 को महाराष्ट्र के परभणी जिले के सेलु में होगा. इसके मुताबिक, महाराष्ट्र में सामने आने वाली सभी चुनौतियों, राज्य सरकार की नीतियों, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार, शिक्षा क्षेत्र में एकाधिकार और शिक्षा के बाजारीकरण से लड़ने के लिए एक रणनीति तैयार की जाएगी।
इस अवसर पर परिचय देते हुए सीपीआई (एम) जिला सचिव कॉमरेड. यूसुफ शेख (मेजर) ने कहा कि पार्टी के आह्वान के अनुसार पूरे शहर और कुंभारी इलाके में लाल झंडे लगाए गए और पूरे माहौल को लाल कर दिया और लोगों के बीच उत्साह का माहौल बनाया और उन्हें अपने मुद्दों से अवगत कराया।
53 शाखाओं से होकर झंडे को सलामी देने के बाद अपने-अपने क्षेत्र से कार्यकर्ता झुंड बनाकर पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में दाखिल हुए. लाल झंडे को लाल सलाम, मार्क्सवाद लेनिनवाद जिंदाबाद, स्वतंत्र लोकतांत्रिक समाजवाद जिंदाबाद, किसान-मजदूर एकता विजयी हो, छात्र युवा महिला एकता जिंदाबाद, धर्म की बात झूठी है, देश की जनता भूखी है जैसे नारों से माहौल गूंज उठा।इस मौके पर मंच पर नसीमा शेख, नलिनी कलबुर्गी, शेवंता देशमुख, वेंकदेश कोंगारी, रंगप्पा मारेड्डी, एडवोकेट अनिल वासम मौजूद थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विलियम सासाने, मुरली सुंचू बापू साबले, बाबू कोकणे, अकील शेख, इलियास सिद्दीकी, दाउद शेख, नरेश दुगाने, दीपक निकंबे, अशोक बल्ला, सनी शेट्टी, श्रीनिवास म्हेत्रे, दत्ता चव्हाण, शकुंतला पानीभटे, लिंगव्वा सोलापुरे, मल्लेशम करमपुरी, वीरेंद्र पद्मा, बाल कृष्ण मलयाल, विजय कृष्ण। हरसुरे, अभिजीत निकंबे और अन्य उपस्थित थे।