एवोकाडो की खेती से लाखों की कमाई: पुणे के किसान की सफलता की कहानी
जावेद अत्तार : ब्यूरो चीफ

पुणे :- शिक्षा 12वीं पास। फिर एग्रीकल्चर में डिप्लोमा. घर में खेती पांच एकड़ है लेकिन सब बंजर है। प्रश्न यह है कि आय कैसे प्राप्त करें। अंततः गूगल पर विदेशी फल खोजे लिया और की भरपूर मेहनत।
यूट्यूब पर वीडियो देखा। इसमें ‘एवोकैडो’ के बारे में जानकारी मिली। शुरुआत में अमेरिका के बेंगलुरु से 55 पेड़ मंगवाए गए और मुरमाड भूमि में लगाए गए। यह अब 300 है। अब इस विदेशी फल ने किसानों को लाखों की कमाई करा दी है और एक एकड़ में 10 लाख रुपये से ज्यादा की पैदावार हो रही है। किसान का नाम परमेश्वर अबासाहेब थोरात (उम्र 37, ग्राम शिवनी के रहने वाले) है।
एवोकाडो लगाने से पहले मिट्टी में गाय का गोबर, वर्मीकम्पोस्ट, रासायनिक उर्वरक मिलाए जाते हैं। जनवरी से फरवरी माह में फलों के पेड़ों को धोकर साफ किया जाता है। आवश्यकतानुसार कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है।
इस अवधि के दौरान फूल खिलते हैं। फल लगने से लेकर कटाई तक की अवधि छह महीने है। फल जून, जुलाई में काटे जाते हैं। इसका उत्पादन वर्ष में केवल एक बार ही किया जा सकता है।
तो बीज वाले पेड़ आये संयुक्त राज्य अमेरिका से सीधे पौधों, बीजों या उत्पादों का प्रत्यक्ष आयात निषिद्ध है। तो किसान थोराट ने इसके लिए अपने उद्यमी मित्र की मदद ली।उनके माध्यम से अमेरिकी विश्वविद्यालयों से बेंगलुरु विश्वविद्यालय में पेड़ लाये गये। वहां से इन पेड़ों को बीड़ लाया गया। थोरात ने कहा कि चूंकि उन्होंने कृषि की शिक्षा ली है, इसलिए उन्होंने उन्हीं पेड़ों की ग्राफ्टिंग की और एक नया पौधा तैयार किया।
2017 में किसान थोरात को गूगल से विकासशील देशों की विभिन्न फसलों के बारे में जानकारी मिली।इसमें इजराइल में एवोकाडो के बारे में जानकारी मिली। मैंने इसका अध्ययन यूट्यूब से किया। इसके फायदे-नुकसान के साथ बाजार भाव को भी ध्यान में रखा गया और खेती का निर्णय लिया गया।2018 में, वे बैंगलोर से 50 पेड़ लाए।
उन्हें पहली इनकम 2021 में मिली. सारा खर्च चुकाने के बाद इसमें से तीन से चार लाख रुपये निकाल लिए गए। 2024 में उन्होंने एक एकड़ में 300 पेड़ लगाए।इसमें उन्हें सभी खर्च चुकाने के बाद 10 लाख से अधिक की आय हो रही है। अपने स्वास्थ्य लाभों के कारण इन फलों की बाजार में काफी मांग है। स्थानीय बाजार के साथ-साथ देश के बाहर से भी मांग आ रही है।एक एवोकैडो फल का वजन लगभग 200 से 500 ग्राम तक होता है। इसकी कीमत 200 से 500 रुपये प्रति किलो मिलती है। वैसे तो यह पेड़ मोसम्बी नींबू जैसा दिखता है, लेकिन यह आम के पेड़ जैसा था। रोपण के बाद इसका जीवनकाल लगभग 50 वर्ष है।