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महाराष्ट्र

शरद पवार का भावुक भाषण: पार्टी छिनने की कहानी

जावेद अत्तार : ब्यूरो चीफ

पुणे: शरद पवारजी का भावनापूर्ण भाषण” जीवन में मैंने पार्टी बनाई, वह पार्टी भी छीन ली….”! शरद पवार का तूफानी भाषण, पहली बार अजित पवार पर खुलकर बोले!

राकांपा संस्थापक शरद पवार ने बारामती विधानसभा उम्मीदवार श्री युगेंद्र पवार के प्रचार के लिए कन्हेरी में एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने पार्टी की टूट को लेकर नाराजगी जताई और बीजेपी और अजित पवार की जमकर आलोचना की।

शरद पवार उस समय भावुक हो गए जब उन्होंने अपने भाषण में पार्टी विभाजन का जिक्र किया। पवार ने अफसोस जताया, “मैंने राष्ट्रवादी पार्टी की स्थापना की और आज वही पार्टी मुझसे छीन ली गई।” उन्होंने कहा कि अब इस उमर मे मेरे जीवन में कोर्ट जाने का समय आ गया है। पवार ने कहा, ”अदालत में जाने का समय मुझपर कभी नहीं था, लेकिन अब ऐसा हो गया है।”

नेशनलिस्ट पार्टी का गठन हुआ, आपने कई लोगों को समर्थन दिया और चुना। मैंने यह पार्टी बनाई, और एक दिन कुछ लोगों ने कहा कि पार्टी उनकी है! यह हमारे लोगों ने ही किया था। मुझे कोर्ट समन्स भेजा गया, मेरे जीवन में कभी नहीं। मुझे नहीं पता कि केंद्र में उनकी सरकार ने क्या किया लेकिन उन्होंने पार्टी और सिंबल उन्हें दे दिया। शरद पवार ने कहा कि पार्टी छिनी गई, सिंबल छिना गया।

चार बार बारामती के उपमुख्यमंत्री, आपकी पार्टी की सरकार थी! बीजेपी की मदद से क्यों लिया पद? मैंने विपक्ष के नेता के रूप में काम किया, जनता का साथ नहीं छोड़ा! 1972 मैंने विद्या प्रतिष्ठान की स्थापना की, युगेंद्र आज इसके लिए काम करते हैं। 1972 में कृषि से संबंधित संगठन की स्थापना हुई, जो आज बहुत बड़ा हो चुका है। आज उनका काम राजेंद्र पवार देखते हैं। शरद पवार ने यह भी बताया कि ये सब जनता के सहयोग से बनाए गए हैं।

 

राजनीति में कभी सफलता मिलती है तो कभी असफलता। हमारे कुछ लोगों ने सुबह जल्दी उठ कर मंत्रिमंडळ मे शपथ ली है! राज्यपाल ने छह बजे उठकर क्यों दी शपथ? मैंने घर तोड़ दिया नही, यह मेरी जिम्मेदारी है कि पवार परिवार एक साथ रहे। बहुतों को पद दिया, एक पद सुप्रिया दिया जादा नहीं दिया, दूसरों को दिया…अपनी बेटी को नहीं दिया, उसने कभी मांगा नहीं। शरद पवार ने अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके मन में सिर्फ एक ही विचार था कि सदन मे कदम रखा जाए, इसके अलावा और कोई नहीं था।

शरद पवार ने कहा, संस्थाओं की सारी शक्तियां उन्हें दी गईं, फिर ऐसी स्थिति क्यों होगी? कल भाषण में उन्होंने कहा कि मैंने घर तोड़ा, मेरे माता-पिता और भाइयों ने मुझे घर तोड़ने का पाप नहीं सिखाया। मैंने कभी घरेलू जीवन, खेती नहीं देखी… मैं पूरे गांव के लिए राजनीति कर रहा था क्योंकि इस भाई का आशीर्वाद था।

मैंने कभी किसी को दूरी नहीं दी, चाहे कोई किसी भी पद पर हो। छह महीने पहले चुनाव हुआ था तो सुप्रिया का भाषण था, भावुक हो जाएंगे सर, आंखों में आंसू आ जाएंगे, फिर भावुक मत होना! इस बार शरद पवार ने चेहरे पर रूमाल घुमाकर अजित पवार की नकल की। यह पार्टी भावनाओं के बल पर नहीं है, यह सिद्धांतों के बल पर है, यह हम गांधी, नेहरू, यशवंतराव चव्हाण, फुले, शाहू के विचारों के साथ समाजकारण कर रहे हैं तो सिर्फ लोगोको शक्ति देने के लिए और कुछ नही।

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