साबरमती एक्सप्रेस के पटरी से उतरने पर मचा हड़कंप, बड़ी दुर्घटना टली
राजकुमार राजपूत - संवाददाता
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह घटना सुबह करीब 11:30 बजे हुई, जब साबरमती एक्सप्रेस वटवा स्टेशन से गुजर रही थी। इस दौरान ट्रेन की गति धीमी थी, जिसके चलते बड़ा हादसा होने से टल गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पटरी में तकनीकी खामी की वजह से यह दुर्घटना हुई है। रेल प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से बचाव कार्य शुरू कर दिया और रेलवे इंजीनियरों की एक टीम को मौके पर भेजा गया।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पटरी में आई दरार की वजह से ट्रेन का एक डिब्बा पटरी से उतर गया। यह दरार संभवतः मौसम की मार या अधिक वजन के कारण उत्पन्न हुई थी। रेलवे विभाग ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं इस घटना में किसी की लापरवाही तो नहीं थी।
ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने बताया कि घटना के समय एक जोरदार आवाज सुनाई दी, जिससे वे डर गए। हालांकि, ट्रेन की गति धीमी होने की वजह से बड़ा हादसा टल गया। एक यात्री ने कहा, “हमारे लिए यह बहुत बड़ा झटका था, लेकिन हम भाग्यशाली रहे कि हमें कोई गंभीर चोट नहीं आई।”
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को जल्द से जल्द उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की। इस घटना के बाद रेलवे स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल बन गया, लेकिन प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखा।
इस घटना के चलते साबरमती और अहमदाबाद के बीच की रेलवे सेवाएं कुछ घंटों के लिए बाधित रहीं। प्रभावित रेल सेवाओं को बहाल करने के लिए रेलवे ने विशेष टीमों को तैनात किया। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पटरी की मरम्मत का कार्य तेजी से किया जा रहा है और उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारे लिए यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इस घटना की गहन जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।”
यह घटना एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। हालांकि, इस बार बड़ी दुर्घटना टल गई, लेकिन यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि रेलवे को अपनी सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रेल प्रशासन को ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह घटना रेल प्रशासन के लिए एक चेतावनी है और उम्मीद की जा रही है कि इससे सबक लेकर भविष्य में रेल यात्राएं और सुरक्षित बनाई जा सकेंगी।