धुले में छात्रों का कमाल: बना 1 टन सोलर ड्रायर और कूलिंग सिस्टम
शहाजहान अत्तार - राज्य प्रमुख - महाराष्ट्र

धुले :- धुले शहर के बापूसाहेब शिवाजीराव देवरे इंजीनियरिंग कॉलेज (श्री शिवाजी विद्या प्रसारक संस्था) के छात्रों और शिक्षकों ने दो अभिनव शोध कर ग्रामीण जीवन में क्रांति लाने का प्रयास किया है — एक टन क्षमता वाला अर्धगोलाकार सोलर ड्रायर और एक टिकाऊ वायु शीतलन प्रणाली।
कॉलेज द्वारा विकसित यह सोलर ड्रायर एक टन अंगूर, प्याज, अदरक और हरी पत्तेदार सब्जियों को एक साथ सुखा सकता है। यह ड्रायर पूरी तरह सौर ऊर्जा पर आधारित है और बिजली की लागत को समाप्त करता है। इसकी अर्ध-गुंबद संरचना उत्पाद की गुणवत्ता और पोषक तत्वों को बनाए रखती है। इसके अलावा, यह अस्पतालों में चादरें और उपकरण स्टरलाइज़ करने के लिए भी उपयोगी है।
इस परियोजना पर अब तक ₹2.75 लाख खर्च हुए हैं, जबकि ‘द साल्ट सिस्टम’ द्वारा ₹8.26 लाख का अनुदान भी स्वीकृत हुआ है। कॉलेज अध्यक्ष सुभाष देवरे ने इसे “गेम चेंजर” बताया है।
कॉलेज की दूसरी उपलब्धि एक टिकाऊ वाष्पीकरणीय शीतलन प्रणाली है, जो बिना बिजली के कमरे का तापमान कम कर सकती है। ₹12-15 प्रति वर्गफुट लागत वाली यह प्रणाली प्राकृतिक वेंटिलेशन और जल परिसंचरण पर आधारित है। इसे घरेलू, औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे ₹4 लाख का शोध अनुदान प्राप्त हुआ है।
इस शोध कार्य में विधायक कुणाल पाटिल, कॉलेज अध्यक्ष सुभाष देवरे, प्राचार्य डॉ. हितेंद्र पाटिल और मैकेनिकल विभाग प्रमुख डॉ. संजीव सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में छात्रों की एक टीम ने भाग लिया। प्रमुख छात्रों में ओम काटे, तुषार महाले, उन्नति केदार, ऐश्वर्या देवरे और अन्य शामिल हैं।
कॉलेज प्रशासन ने इन तकनीकों को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए सरकारी और औद्योगिक भागीदारी की अपील की है।