पार्श्वनाथ डेवलपर्स के सीईओ संजीव जैन की 60 किमी लंबी पुलिस पीछा के बाद दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तारी
राजकुमार राजपूत - संवाददाता
नई दिल्ली: पार्श्वनाथ डेवलपर्स के सीईओ संजीव जैन को दिल्ली एयरपोर्ट पर 60 किलोमीटर की नाटकीय पुलिस पीछा के बाद गिरफ्तार किया गया। इस घटना ने व्यापारिक और कानूनी हलकों में हड़कंप मचा दिया है। संजीव जैन की गिरफ्तारी के पीछे की घटनाओं का विवरण अभी भी सामने आ रहा है।
रविवार की शाम को संजीव जैन को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। पुलिस को सूचना मिली थी कि जैन एक महत्वपूर्ण उड़ान पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उनके वाहन का पीछा शुरू किया। यह पीछा दिल्ली की सड़कों पर 60 किलोमीटर तक चला, जिसमें कई पुलिस वाहनों ने भाग लिया।
संजीव जैन के खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें वित्तीय अनियमितताएँ और धोखाधड़ी के मामले शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि जैन के विदेश भागने की संभावना थी। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट पहले ही जारी हो चुका था, लेकिन वे लगातार कानून से बचते आ रहे थे।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के अनुसार, जैन की गिरफ्तारी एक पूर्व नियोजित अभियान का हिस्सा थी। “हमारे पास जानकारी थी कि जैन एक महत्वपूर्ण उड़ान से विदेश भागने की कोशिश करेंगे। हमने त्वरित कार्रवाई की और उन्हें एयरपोर्ट पर पकड़ लिया,” डीसीपी ने कहा। पुलिस ने जैन के साथ-साथ उनके चालक को भी हिरासत में लिया है।
पार्श्वनाथ डेवलपर्स की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कंपनी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जैन की गिरफ्तारी से कंपनी की छवि पर गहरा असर पड़ सकता है। यह कंपनी पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रही है और इस घटना ने उसकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
पुलिस ने कहा है कि जैन से पूछताछ की जा रही है और उनके खिलाफ आरोपों की जांच की जा रही है। उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा जहां उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। “हम उनके सभी वित्तीय लेनदेन की जांच कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि न्याय हो,” एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा।
संजीव जैन की गिरफ्तारी ने न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि पार्श्वनाथ डेवलपर्स की प्रतिष्ठा को भी हिलाकर रख दिया है। इस घटना से कंपनी के निवेशकों और ग्राहकों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। आगे की जांच और अदालती कार्यवाही से ही पता चलेगा कि जैन और कंपनी का भविष्य क्या होगा।
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि कानून से भागना आसान नहीं है और कोई भी कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता। संजीव जैन की गिरफ्तारी ने इस बात की पुष्टि की है कि अगर कोई व्यक्ति कानून तोड़ता है, तो उसे इसका अंजाम भुगतना ही पड़ेगा।