विशालगढ़ हिंसा के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार का दौरा, प्रभावितों से मिले !!!
जावेद अत्तार : ब्यूरो चीफ-पश्चिम
कोल्हापूर-पुणे :- विशालगढ़ किले और किले के निचले गाव गजापूर में 14 जुलाई को हुई हिंसा के चार दिन बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार विशालगढ़ इलाके पर पहुंचे हैं। पुणे में सभी कार्यक्रम रद्द करने के बाद अजित पवार ने विशालगढ़ का दौरा किया।उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने हिंसा प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया और पीड़ित परिवार से बातचीत की। इस बार विशालगढ़ की महिलाएं भी उपमुख्यमंत्री से मिलने विशालगढ़ की तलहटी में गजापुर आईं।
पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति ने भी शिव प्रेमियों से विशालगढ़ आने की अपील की थी। इसके बाद भीड़ ने पथराव किया और आग लगा दी। इसमें कई घर और वाहन क्षतिग्रस्त हो गये। इसके बाद सांसद शाहू महाराज छत्रपति ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। इसके बाद उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया।
अब पहली बार उपमुख्यमंत्री अजित पवार सरकार की ओर से विशालगढ़ में आये हैं।उपमुख्यमंत्री और राकांपा अध्यक्ष अजित पवार ने आज विशालगढ़ का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने क्षतिग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण किया और नागरिकों से बातचीत की है । यहां के नागरिकों ने मांग की है कि सरकार उचित सहायता प्रदान करे और हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे।
इसके अलावा इस इलाके से कर्फ्यू हटाने की भी मांग की जा रही है. इस पर सरकार की क्या भूमिका है? ये देखना जरूरी है।विशालगढ़ हिंसा के बाद सांसद श्रीमंत छत्रपति शाहू महाराज सहित भारत अघाड़ी के पदाधिकारियों ने गजापुर का निरीक्षण किया।
इस बार उन्हें मदद का हाथ भी दिया गया। इस वक्त देखा गया कि कई लोगों के घर संसार और जीवनावश्यक सामग्री सड़क पर आ गई। महिलाओं को रोता देख महाराज भी हैरान रह गये. उन्होंने आक्रामक रुख अपनाए छत्रपति संभाजी राजे के रुख पर खुलकर नाराजगी जताई।
वास्तव में क्या हुआ?14 जुलाई को पूर्व सांसद और स्वराज्य पार्टी के संस्थापक छत्रपति संभाजी राजे ने विशालगढ़ अतिक्रमण को मुक्त कराने का आह्वान किया था। उन्होंने ऐलान किया था कि वह हर हाल में विरोध प्रदर्शन करेंगे. हालाँकि, संभाजी राजे अपने समर्थकों के साथ किले में पहुँचते उससे पहले ही रवीन्द्र पडवाल के उकसाने पर उनके कार्यकर्ताओं ने गजापुर में भारी हिंसा कर दी थी। कोल्हापुर के बंडा साळुंखे समेत रवींद्र पडवाल पर भीड़ को उकसाने का आरोप है।