राज्य में महाविकास आघाड़ी और वंचित बहुजन आघाड़ी की चर्चा !!!
जावेद अत्तार : ब्यूरो चीफ-पश्चिम

पुणे : राज्य में महाविकास आघाड़ी और वंचित बहुजन आघाड़ी की चर्चा विफल होने के बाद भी वंचित बहुजन आघाड़ी ने मविआ के कुछ उम्मीदवारों को सपोर्ट देने का रुख कर लिया है।
वंचित अघाड़ी ने पुणे से श्री वसंत मोरे की उम्मीदवारी की घोषणा की है जबकि बारामती में उसने शरद पवार समूह की सुप्रिया सुले का समर्थन किया है। उन्होंने सुप्रिया सुले को समर्थन देने की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया है कि वह बारामती में उम्मीदवार नहीं उतार रहे हैं।
फिलहाल तस्वीर तो यही लग रही है कि वंचित महाविकास अघाड़ी से दोस्ताना लड़ाई लड़ रहे हैं। क्योंकि इससे पहले भी वंचित कोल्हापुर के छत्रपती शाहू महाराज और गडकरी के विरोधी उम्मीदवार कांग्रेस के विकास ठाकरे का समर्थन कर चुके हैं। इसके बाद बारामती के लिए सुप्रिया सुले को समर्थन का ऐलान किया गया है।
वंचित ने पहले दो सूचियों की घोषणा की थी। अब तीसरी सूची में नांदेड़ से अविनाश बोसिरकर, परभणी से बाबासाहेब उगले, छत्रपति संभाजीनगर से अफसर खान, पुणे से वसंत मोरे और शिरूर से मंगलदास बांदल की उम्मीदवारी की घोषणा की गई है।
वसंत मोरे-प्रकाश अंबेडकर से मुलाकात के बाद नामांकन तय
पुणे के धड़ाडी नेता कहे जाने वाले वसंत मोरे ने पहले प्रकाश अंबेडकर से मुलाकात की थी। इसी बीच प्रकाश अंबेडकर की मुलाकात मराठा आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे मनोज जारांगे से भी हुई. ऐसा लगता है कि आरक्षण के मुद्दे पर मराठा समुदाय काफी हद तक नाराज है। इसके चलते पुणे से वंचितों की ओर से वसंत मोरे को उम्मीदवार बनाया गया है। ऐसा लगता है कि उसके जरिए पुणे और आसपास के इलाकों में मराठा वोटों को आकर्षित करने का इरादा है।