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जन दर्शन- विकास

बच्चों व युवाओं को आज शहीदों के बारें बताने की जरूरत है- उपायुक्त डॉ वाघमारे कृष्ण प्रसाद !!!

नूतन कश्चप : लोहरदगा प्रतिनिधि

लोहरदगा:- शुक्रवार को वीर बुधू भगत के पुत्र हलधर गिरधर बहन रूनिया झूनिया शहीद का 192वें शहादत दिवस कुड़ू प्रखंड के टिको पोखरा टोली स्थिति समाधी स्थल पर आदिवासी परम्परागत रीति रिवाज के द्वारा पूर्वूजों के बताये गये अनुसार ड़ाडी से कलश में भरकर पानी लाकर अमर शहीद वीर बुथू भगत, वार शहीद लोदरो गुरू, वीर शहीद विश्वनाथ भगत, वीर शहीद गिरधर भगत, वीर शहीद हलधर भगत के समाधि पर कलश स्थापित किया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोहरदगा उपायुक्त डॉ वाघमारे कृष्ण प्रसाद, पुलिस अधीक्षक हारिश बिना जमां, उप विकास आयुक्त दिलीप कुमार शेखावत, पूर्व लोहरदगा उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो, पूर्व विधायक स्व0 कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत, जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी भगत, आजसू पार्टी के महिला मोर्चा की केन्द्रीय अध्यक्ष अंजु देवी, समाज कल्याण पदाधिकारी नारायण राम, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पलटू महतो, कुड़ू प्रखंड अंचल अधिकारी, कुड़ू प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत लोहरदगा जिला राजी पड़ाह सरना प्रार्थना सभा, टाना भगत समिति व भारी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थे।

इस कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को पुष्प गुच्छ, शॉल और पुष्प माला देकर सम्मानित किया गया। शहादत दिवस पर उपस्थित सभी आदिवासी ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुए डॉ वाघमारे कृष्ण प्रसाद ने कहा कि आज शहादत दिवस मना रहे हैं पर आज भी हम सब स्वतंत्रता सेनानी की तरह लड़ रहे हैं। अजाद आज भी हम नहीं हैं। आज के युवाओं को न्यूज, सोशल मीडिया द्वारा आसानी से भड़काने का काम किया जाता है।

शिक्षा के अभाव के कारण सही जानकारी नहीं मिल पाती है। उन्होंने ने कहा कि शिक्षा के अभाव के कारण लोग जल्दी भड़क जाते हैं। आज हमारे समाज के क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की ओर कैसे आगे बढ़ेंगे और नयी पीढ़ी के युवा/युवतियों को जागरूक करने व जोड़ने की अवश्यकता है। मुख्य अतिथि उपायुक्त डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण द्वारा शहादत स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।

उपायुक्त समेत सभी अतिथियों द्वारा शहीदों वीर बुधु भगत, शहीद हलधर भगत, शहीद गिरधर भगत, शहीद विश्वनाथ भगत, शहीद लोदरो गुरू, शहीद रूनिया और झुनिया के समाधि स्थल पर जल और पुष्प अर्पित किया गया। कार्यक्रम में उपायुक्त ने कहा कि आज युवाओं और बच्चों को शहीदों को याद करने का उत्तम समय है। आज सोशल मीडिया के माध्यम से भटकाव की संभावनाएं ज्यादा हैं। बच्चों व युवाओं को आज शहीदों के बारें बताने की जरूरत है।

अगर उन्हें हम शहीदों के बारे बतायें, उनके बलिदान के बारे बतायेंगे तो वे सही राह पर चलेंगे। वर्ष 1818 के आस-पास अंग्रेजों की सत्ता सार्वभौमिक रूप से स्थापित हो चुकी थी। तब अगले 15-20 वर्षों में ही झारखण्ड में उनके शासन व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष प्रारंभ हो गया था। कई क्षेत्रों में लोगों ने अपना बलिदान दिया। उनके संघर्षों के कारण ही हमें अपना अधिकार मिल सका। उपायुक्त ने कहा कि आज अशिक्षित होना सबसे बड़ी समस्या है। सभी को शिक्षित होना आवश्यक है ताकि देश विकास की पथ पर निरंतर आगे बढ़ सके।

पुलिस अधीक्षक हारिस बिन जमां ने कहा कि वीर बुधु भगत के बलिदान और संघर्ष की तरह अन्य उदाहरण बहुत कम देखने का मिलते हैं जब किसी पूरे परिवार ने हीं अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया हो। वीर बुधु के साथ-साथ उनके बेटों और बहनों ने भी अपने प्राण संघर्ष के दौरान न्यौछावर किये। उस समय हमारे सामने चुनौती के रूप में अंग्रेज थे। आज शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर करने की चुनौती है। इसे चुनौती के रूप में लिया जाना चाहिए। हमें शहीदों के बलिदान को आनेवाली पीढ़ी को बताना चाहिए ताकि उनका बलिदान जिंदा रहे।

उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम इतिहास को जानने का बेहतर माध्यम हैं। उस समय आजादी के संघर्ष के दौरान हमारे पास सीमित संसाधन थे। आज जो समस्याएं हैं उसके खिलाफ हमें लड़ाई लड़नी होगी। शिक्षा,स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में निरंतर प्रयास करने की जरूरत है। जो कमियां हैं उनके विरू़द्ध लड़ाई लड़नी होगी।

सेवा निवृत आईएएस एवं पूर्व उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने इस मौके पर कहा कि शहीद वीर बुधु भगत, उनके पुत्रों और बहनों ने अपने लिए नहीं बल्कि उस समय इस क्षेत्र में रहनेवाले आदिवासी भाई-बहनों के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए कि शोषण के विरूद्ध आवाज उठाएं। हमें संगठित होने की आवश्यकता है। आज अत्याचार का स्वरूप बदला है लेंकिन उसके विरूद्ध आदिवासी भाई-बहनों को एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम जनजातियों को उत्तराधिकार अधिनियम 1956 से बाहर रखा गया इसे समझना होगा।आज तक डोमिसाइल प्राप्त नहीं हुआ। हमारी शिक्षा,संस्कृति,परंपरा पर जोर देने की आवश्यकता है।

विधायक प्रतिनिधि नीशीथ जायसवाल ने कहा कि वर्तमान विधायक महोदय द्वारा इस क्षेत्र के विकास के लिए काफी कुछ किया गया है और आगे भी किया जाएगा। आनेवाले वर्षों में इस आयोजन को भव्य रूप दिया जाएगा। हमें शहीदों के बताये रास्ते पर चलने की आवश्यकता है।

ग्रामीणों के बीच किया गया कम्बल वितरण

आज के कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा ग्रामीणों के बीच का कम्बल का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में जिला कल्याण पदाधिकारी नारायण राम, प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवेश कुमार साव, अंचल अधिकारी प्रवीण सिंह, आयोजन समिति की ओर से जलेश्वर उराँव, राजी पड़हा समिति के सोमे उराँव, बिरसा उराँव, सरिता टाना भगत, मधुसूदन टाना भगत, श्याम लाल टाना भगत,सुदर्शन टाना भगत समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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