अंकुर महिला समूह लोहरदगा द्वारा मडुवा अटा से बनी हुई और उनके फायदा, बीमारी एवं बचाव के बारे में पूरी जानकारी*
नूतन कच्छप : प्रतिनिधि
लोहरदगा: अंकुर महिला समूह लोहरदगा द्वारा जिला समाहरणालय मैदान में एक छोटा सा स्टॉल लगाकर मड़ुवा के अटा से बनी हुई चीजों जैसे मिठा चार पीस में 30/-रूपया, लड्डू एक पीस का 10/- रूपया, निमक्की 100 ग्राम 30/- रूपया, पीठा 30/- रूपया का चार पीस, छिल्लका 30/- का चार पीस रोटी बिक्री किया जाता है। बातचीत के दौरान अंकुर महिला मंडल की अध्यक्ष रंथी कुमारी ने बताया कि मडुवा के अटा से बना हुआ सम्मान का प्रशिक्षण नवार्ड संस्था के स्पोर्ट्स से महिला मंडल की सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया।
अंकुर महिला मंडल में कुल सदस्य 12 लोग हैं। उन्होंने ने बताया कि यह एक चाला आयो प्रोडक्शन कम्पनी लिमिटेड को स्पोर्ट अंकुर अभियान के तहत अंकुर महिला समूह को चलाया जा रहा है। समूह के प्रमुख संचालिका अध्यक्ष रंथी कुमारी, सचिव निशा कुजूर, कोषाध्यक्ष सलोनी उरांव और समूह की सदस्यगण हैं।
उन्होंने ने कहा कि हम लोगों को प्रत्येक दिन की कमाई 16 से 17 सौ रूपया का हो जाता है। अंकुर महिला समूह की अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष एवं सदस्यों ने संयुक्त रूप से मडुवा खाने और उनके फायदा, बीमारी एवं बचाव के बारे में पूरी जानकारी बतायी। सर्दियों के आते ही लोग अपने खानपान का विशेष ध्यान रखने लगते हैं. आप सभी ने अपने घरों में ये बात गौर की होगी कि ठंड के मौसम में अक्सर गर्म तासीर वाली चीजें भोजन में शामिल की जाती हैं. फिर चाहे ये दाल-सब्जी हो या रोटी. शरीर को ठंड से बचाने और इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए लोग सर्दियों में मडुवे के आटे का सेवन करते हैं. दरअसल, मडुवे का आटा गर्म होता है और ये शरीर को कई फायदे पहुंचाता है. मडुवे का आटा या मडुवे की फसल उत्तराखंड में परंपरागत रूप से पैदा की जाने वाली गर्म तासीर वाली फसल है.
मडुवे में प्रोटीन, फैट, खनिज आदि पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. पहाड़ों में इसे सर्दियों का राजा भी कहा जाता है. मडुवे का आटा आज न केवल राज्य भर तक सीमित रह चुका है बल्कि, इंटरनेशनल लेवल पर रईसों की लिस्ट में भी ये शामिल हो गया है. वैसे तो मडुवे का आटा शरीर को कई फायदे और बीमारियों से दूर रखता है लेकिन, ठंड के मौसम में इसका महत्व और बढ़ जाता है. मडुवे के आटे से न केवल रोटी बनाई जाती है बल्कि, हलवा, बिस्किट केक आदि कई व्यंजन अब तैयार किए जा रहे हैं. मडुवे में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, ट्रिपटोफैन, मिथियोनिन, फाइबर, लेशिथिन, फास्फोरस, कैरोटीन और कार्बोहाइड्रेट आदि की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो शरीर के लिए आवश्यक और फायदेमंद है.
सर्दियों के मौसम में मडुवे की रोटी खाना कितना फायदेमंद है. मडुवे की रोटी में फाइबर अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जो वजन घटाने में मददगार है. मडुवे का आटा पेट की समस्याओं जैसे एसिडिटी, कब्ज, अपच आदि से भी छुटकारा दिलाने में कारगर है. शरीर की हड्डियां मजबूत बनी रहें इसके लिए कैल्शियम बेहद जरूरी है. मडुवे की रोटी में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे हमारी हड्डियां मजबूत बनी रहती है.
इसके नियमित सेवन करने से ओस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो जाता है. डायबिटीज के मरीजों को भूख कम लगती है. मडुवे की रोटी ग्लूटन फ्री होती है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है. मडुवे की रोटी शरीर में बीपी के लेवल को भी मेंटेन रखती है. इसके अलावा जिन महिलाओं में दूध की कमी होने लगती है उनके लिए मडुवा फायदेमंद है. इसके सेवन से महिलाओं में फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, आदि की पूर्ति आसानी से हो जाती है. मौसम में परिवर्तन होने की वजह से वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. मडुवे की रोटी का सेवन करने से जुखाम, सर्दी, गला दर्द, खराश आदि की समस्या नहीं होती.