पुणे:- देश के विकास को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए गांवों का विकास करना जरूरी है। आज़ादी से पहले देश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती थी। हालाँकि, ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की कमी के कारण यहाँ के लगभग 30 प्रतिशत नागरिक शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन कर गये। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जोर देकर कहा कि भविष्य में इस प्रवासन को रोकने के लिए विज्ञान और अनुसंधान की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
वह एमआईटी-कला, डिजाइन और प्रौद्योगिकी (एडीटी) विश्वविद्यालय, पुणे के छठे दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। गडकरी ने विश्वविद्यालय के पीएचडी और स्वर्ण पदक विजेताओं को स्नातक प्रमाणपत्र प्रदान किए।इस समारोह में कुल 2805 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। इसमें 23 पीएचडी, 51 स्वर्ण पदक और 188 रैंक धारक प्रमाणपत्र शामिल हैं। साथ ही इस मौके पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष वैज्ञानिक ए. एस। किरणकुमार को विज्ञान के लिए भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मायर्स एमआईटी ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष विश्वनाथ कराड, कार्यकारी अध्यक्ष और एमआईटी-एडीटी विश्वविद्यालय के कुलपति मंगेश कराड उपस्थित थे।पने भाषण की शुरुआत में नितिन गडकरी ने सभी छात्रों को बधाई दी और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं। यह भी एक। एस। किरण कुमार ए. पी। जे। उन्होंने कहा कि अब्दुल कलाम के नाम पर पुरस्कार मिलना बहुत गर्व की बात है।
पिछले कुछ सालों में देश में विज्ञान के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। इस काम को आगे बढ़ाने के लिए विज्ञान और अनुसंधान में और अधिक काम किया जाना चाहिए। गडकरी ने कहा कि यह शोध अधिक सफल हो सकता है यदि इसे लोगों की जरूरतों के साथ-साथ क्षेत्रवार भी ध्यान में रखकर किया जाए।
इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस. वाई किरणकुमार ने कहा कि यह सिर्फ मेरा सम्मान नहीं बल्कि पूरे संगठन का सम्मान है. चंद्रयान मिशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसरो ने बहुत कम संसाधनों का उपयोग करते हुए विषम परिस्थितियों में यह उपलब्धि हासिल की है। ऐसा कारनामा आज तक कोई भी देश नहीं कर पाया है।