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प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को पूरा करने कोशिश !!

मधुमक्खी के डिब्बे, अचार बनाने की मशीन और स्वचालित अगरबत्ती मशीन वितरित !!

संपादकीय : प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, श्री मनोज कुमार, अध्यक्ष, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) ने तीन अलग-अलग वितरण कार्यक्रम शुरू किए सोमवार को असम।

विभिन्न कार्यक्रमों में लाभार्थियों को मधुमक्खी के बक्से, अचार बनाने की मशीन और स्वचालित अगरबत्ती मशीन वितरित की गई। तमुलपुर के कुमारिकाता गांव में उन्होंने 50 मधुमक्खी पालकों को 500 मधुमक्खी-बक्से वितरित किए, 40 अचार बनाने की मशीनें और 20 स्वचालित अगरबत्ती मशीनें गुवाहाटी में केवीआईसी परिसर में लाभार्थियों को सौंपीं। ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत छह मील गुवाहाटी में फुटवियर उद्योग से संबंधित एक पायलट परियोजना का भी उद्घाटन किया गया।

हनी मिशन के माध्यम से बोडोलैंड, असम में किसान समुदाय को लाभ पहुंचाने का यह आह्वान पिछले साल इसी महीने केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने तामुलपुर में अपने सार्वजनिक संबोधन के दौरान किया था।

तमुलपुर में सभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जिस आत्मनिर्भर भारत के मंत्र पर काम कर रहे हैं वह है- काम हर हाथ, काम का उचित दाम। इसके बाद, केवीआईसी देश के गांवों और कस्बों में योजनाओं को लागू कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मीठी क्रांति के आह्वान पर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग वर्ष 2017 से राष्ट्रीय स्तर पर हनी मिशन योजना चला रहा है। इस योजना के तहत 8290 मधुमक्खी बक्सों और मधुमक्खी कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है।

असम राज्य में 829 मधुमक्खी पालकों को प्रशिक्षण के बाद वितरित किया गया है। श्री कुमार ने मधुमक्खी पालकों को विश्व स्तरीय शहद उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया ताकि असम के ‘स्थानीय शहद’ को ‘वैश्विक’ पहचान मिले। उन्होंने आगे कहा कि मधुमक्खी पालन कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ किसानों की आय भी बढ़ा रहा है।

इसके अलावा वन क्षेत्र से सटे गांवों में मधुमक्खियों के बक्सों के माध्यम से हाथियों को मानव आवासों और किसानों के खेतों में प्रवेश करने से रोका जा रहा है, जिससे हाथियों द्वारा मानव हमलों और किसानों की फसलों को नुकसान की घटनाओं में कमी देखी गई है। अध्यक्ष ने यह भी बताया कि परियोजना आरई-एचएबी के तहत ऐसा ही एक प्रयास खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा असम के गोलपारा जिले के मोरनोई, दहिकाता, राजापारा और कदमतला गांवों में किया जा रहा है।

केवीआईसी के अध्यक्ष ने आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए असम में लाभार्थियों को मधुमक्खी के डिब्बे, अचार बनाने की मशीन और स्वचालित अगरबत्ती मशीन वितरित की ! 

अध्यक्ष ने साझा किया कि प्रधानमंत्री के निर्धारित लक्ष्यों ने 2014 के बाद खादी क्षेत्र में नई जान फूंक दी है। खादी अब स्थानीय से वैश्विक हो गई है। इसका नतीजा यह हुआ कि वित्त वर्ष 2021-22 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 1,15,000 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया। आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ।

श्री मनोज कुमार ने कहा कि खादी कारीगरों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के साथ-साथ खादी की बिक्री में सुधार लाने के लिए आयोग ने 1 अप्रैल, 2023 से खादी में काम करने वाले सभी कारीगरों के पारिश्रमिक में 35 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम। उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 150 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की जा चुकी है।

कार्यक्रम में श्री जोलेन दैमारी, विधायक, तामुलपुर और श्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य, विधायक, गुवाहाटी (पूर्व), असम सरकार और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

Resource : PIB

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