सप्तश्रृंगी माता भागवत और दुर्गा सप्तशती उल्लिखित 108 पीठों में से मूल शक्ति पीठ
18 भुजाओं वाली इस जगदंबा देवी के दर्शन
नासिक-ब्यूरो (श्री यादव माली- ब्यूरो चिफ) : नासिक जिले के वाणी में सप्तश्रृंगी माता भागवत और दुर्गा सप्तशती दोनों ग्रंथों में उल्लिखित 108 पीठों में से मूल शक्ति पीठ है। आद्या शक्ति पीठ शब्द को “अर्दे शक्ति पीठ” में बदल दिया गया है, लेकिन यह मूल शक्ति पीठ है। अन्य तीन पीठ कोल्हापुर की महालक्ष्मी, तुलजापुर की तुलजाभवानी और माहुर की रेणुका हैं।
18 भुजाओं वाली इस जगदंबा देवी के दर्शन के लिए देश भर से श्रद्धालु आते हैं।सप्तश्रृंगगढ़ की तलहटी में बसा गांव दारेगांव अच्छा भोजन प्रदान करता है। लोग दर्शन के लिए सप्तश्रृंगी देवी किले तक 100 से 200 किमी की पैदल यात्रा करते हैं।
सप्तश्रृंगी भारत में यह किला नासिक के पास नंदूरी गांव के पास स्थित है और देवी सप्तशृंगी का तीर्थ स्थल है जो कई परिवारों की देवी हैं। यह गिरिजा महानदी का स्वरूप है, जो महाराष्ट्र में स्थित है।माना जाता है इसे आदिशक्ति का मूल स्थान माना जाता है।
देवी के आठ-नुकीले सात-नुकीले रूप को यहां देखा जा सकता है। देवी की यह मूर्ति स्वयंभू है। यहां के गभरा में शक्तिद्वार, सूर्यद्वार और चंद्रद्वार नाम के तीन द्वार हैं। इन तीन दरवाजों से देवी के दर्शन किए जा सकते हैं।