
सोलापुर: प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कुम्भारी, सोलापुर के मलारणा क्षेत्र में स्थापित रे नगर सहकारी गृह निर्माण सोसायटी महासंघ की एक महत्वाकांक्षी आवास परियोजना को आज एक ऐतिहासिक राहत मिली। राज्य सरकार ने इस प्रकल्प पर लगाए गए लगभग 17 करोड़ रुपये के गैर-कृषि रूपांतरण शुल्क और स्टांप ड्यूटी को माफ करने का निर्णय लिया है।
यह निर्णय गुरुवार, 8 मई को महाराष्ट्र राज्य मंत्रालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता राज्य के राजस्व मंत्री माननीय चंद्रशेखर बावनकुले ने की। बैठक में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सोलापुर जिला प्रशासन और परियोजना से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस परियोजना के अंतर्गत 30,000 असंगठित श्रमिकों को केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से फ्लैट आवंटित किए गए हैं। सभी लाभार्थी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित हैं। परियोजना की स्थापना के समय 60 एकड़ भूमि पर सरकारी शर्तों के अनुसार लगभग 17 करोड़ रुपये का आर्थिक भार लाभार्थियों पर डाला गया था।
रे नगर महासंघ के मुख्य प्रवर्तक और पूर्व विधायक कॉ. नरसैया आदम (मास्टर) इस आर्थिक दंड को माफ कराने के लिए पिछले आठ वर्षों से निरंतर प्रयासरत थे। इस दौरान कई ज्ञापन, आंदोलन और अधिकारियों से मुलाकातों के माध्यम से उन्होंने सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया।
अंततः, राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में 17 करोड़ रुपये की राशि माफ करने और 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही, सोलापुर के जिला कलेक्टर को इस निर्णय को लागू करने के निर्देश दिए गए।
इस निर्णय का श्रमिक समुदाय और रे नगर महासंघ ने जोरदार स्वागत किया है। महासंघ की ओर से कॉ. नरसैया आदम और अध्यक्ष कॉ. नलिनीताई कलबुर्गी ने माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे और श्री अजित पवार का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने समय-समय पर इस प्रकल्प में आ रही तकनीकी और प्रशासनिक बाधाओं को दूर करने में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
रे नगर आवास प्रकल्प को मिली यह राहत न केवल एक प्रशासनिक सफलता है, बल्कि यह गरीबों और श्रमिक वर्ग के लिए न्याय और सम्मान का प्रतीक भी बन गई है।