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राष्ट्रपति के बाद धनबाद में बदली तस्वीर

समीर सिंह: प्रधान संपादक

धनबाद:-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का हाल ही में हुआ धनबाद दौरा अब शहर के लिए एक बदलाव की शुरुआत बनता नजर आ रहा है। राष्ट्रपति के आगमन से पहले जहां सड़क किनारे वर्षों से जमी अवैध दुकानें और ठेले हटाए गए थे, वहीं अब उनके जाने के बाद भी नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने मोर्चा संभाले रखा है।

शहर की कई सड़कों पर अब न तो ठेले दिख रहे हैं, न ही अवैध दुकानों की भीड़। साफ-सुथरी सड़कों, मरम्मत किए गए फुटपाथ और बढ़ी निगरानी व्यवस्था से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि यह बदलाव सिर्फ “VIP दौरे” तक सीमित नहीं रहेगा।

क्या यह बदलाव स्थायी होगा?

स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है — “क्या यह सफाई और सख्ती राष्ट्रपति के जाने के बाद भी जारी रहेगी?”

नगर निगम अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब रोजाना गश्त और निगरानी टीमें तैनात रहेंगी। साथ ही, CCTV कैमरे भी मुख्य चौराहों और बाजार क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं, ताकि दोबारा कोई अवैध दुकान न लग सके।

हमारी रिपोर्ट का असर?

गौरतलब है कि राष्ट्रपति के दौरे से कुछ दिन पहले हमारी टीम ने ज़मीनी स्तर से रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें बताया गया था कि कैसे वर्षों से जमी दुकानों को सिर्फ कुछ दिनों में हटा दिया गया — और कुछ दुकानों के तो मीटर तक लगे थे, फिर भी बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उन्हें हटा दिया गया।

इस रिपोर्ट के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन पर दबाव बढ़ा और यह सवाल गूंजने लगा:
“क्या ये सफाई सिर्फ राष्ट्रपति को दिखाने के लिए की गई?”

ऐसा माना जा रहा है कि मीडिया और जनता के सवालों ने ही प्रशासन को यह स्पष्ट संदेश दिया कि यह बदलाव अब सिर्फ दिखावा नहीं रह सकता।

सड़क मरम्मत भी हुई तेज़

राष्ट्रपति के दौरे के बाद जिन सड़कों को रातोंरात मरम्मत कर सजाया गया था, उनमें से कई अब स्थायी रूप से मजबूत की जा रही हैं। नगर परिषद ने यह भी कहा है कि अब शहर के कई हिस्सों में सड़क सुधार और फुटपाथ निर्माण का नियमित काम होगा।

स्थानीय लोगों की राय

स्थानीय निवासी और फुटपाथ दुकानदारों ने मिले-जुले भाव व्यक्त किए हैं।
जहां कुछ लोगों को रोज़ी-रोटी के नुकसान की चिंता है, वहीं कई लोग सड़क की सफाई और ट्रैफिक में राहत का स्वागत कर रहे हैं।

एक स्थानीय दुकानदार ने बताया:
“हमें हटाया गया लेकिन हमें कोई दूसरा स्थान नहीं दिया गया। अगर सरकार वाकई कुछ बदलाव लाना चाहती है तो हमें भी कोई वैकल्पिक जगह दे।”

निष्कर्ष: क्या अब सिस्टम बदलेगा?

धनबाद में यह बदलाव सिर्फ एक VIP विज़िट का असर नहीं, बल्कि एक व्यापक प्रशासनिक संकेत बन चुका है।
सवाल अब यही है —
“क्या ये सख्ती और व्यवस्था सिर्फ कुछ दिन चलेगी या अब धनबाद को नया चेहरा मिलेगा?”

हमारी टीम इस विषय पर निगरानी रखेगी और आपके लिए आगे भी ज़मीनी रिपोर्ट लेकर आती रहेगी।

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