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सोलापुर फेरीवालों का आंदोलन, स्थायी बाजार की मांग

शहाजहान अत्तार - राज्य प्रमुख - महाराष्ट्र

सोलापुर: शहर के बीजापुर वेस, रेलवे स्टेशन, नीलम नगर, एयरपोर्ट, अशोक चौक और अन्य इलाकों में छोटे फल-सब्जी विक्रेता व चारपहिया फेरीवाले पिछले 40 वर्षों से सड़कों पर बैठकर अपनी आजीविका चला रहे हैं। लेकिन हर 2-3 महीने में सोलापुर महानगरपालिका का अतिक्रमण विभाग इन विक्रेताओं पर कार्रवाई करता है। इस दौरान उनके सब्जी-फलों को जब्त या नष्ट कर दिया जाता है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

इस अन्याय के खिलाफ 11 जून 2025 को ‘लाल बावटा फेरीवाले, चौपहिया वाहन व बक्सा धारक कामगार यूनियन – सीटू’ के नेतृत्व में 70 फुट मार्केट से जिला परिषद गेट तक मार्च निकाला गया। मार्च का नेतृत्व वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक कामरेड नरसय्या आदम (मास्टर), माकपा जिला सचिव यूसुफ शेख, और पूर्व नगरसेविका नलिनीताई कलबुर्गी ने किया। बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने महानगरपालिका आयुक्त डॉ. सचिन ओमबासे को ज्ञापन सौंपा।

विक्रेताओं की प्रमुख शिकायतें:

  1. विकल्प अस्वीकार्य: सोलापुर मनपा द्वारा सुझाया गया चिप्पा मार्केट मुख्य बाजार से दो किमी दूर है। वहां ग्राहकों की आवाजाही नहीं है, नशाखोरी आम है, और दो हत्याएं भी दर्ज हैं, जिससे लोग डरते हैं।

  2. सुरक्षा और सफाई की कमी: शांताबाई कोली ने बताया कि चिप्पा मार्केट में गंदगी और असामाजिक तत्वों की वजह से महिलाएं और बुजुर्ग नहीं जा पाते।

  3. कारोबार में नुकसान: जाफर शेख ने बताया कि फेरीवालों ने तीन महीने तक उस जगह बैठकर व्यापार किया, लेकिन ग्राहक नहीं मिलने से सब्जी सड़ गई और नुकसान हुआ।

  4. जुर्माना भी जारी: नूरजहां बागवान ने बताया कि चिप्पा मार्केट में प्रतिदिन ₹25 का शुल्क लिया जा रहा है, लेकिन सुविधा कोई नहीं है।

चेतावनी: अगर विक्रेताओं को स्थायी और सुरक्षित स्थान नहीं दिया गया, तो 6 जुलाई 2025 को आषाढ़ी एकादशी पर पंढरपुर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से घेरने की चेतावनी दी गई है।

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