बार्शी में बेमौसम बारिश से खजूर किसानों को भारी नुकसान
शहाजहान अत्तार - राज्य प्रमुख - महाराष्ट्र

सोलापुर:- सोलापुर जिले में पिछले दो-तीन दिनों से जारी बेमौसम प्री-मानसून बारिश ने किसानों को बुरी तरह प्रभावित किया है। खासतौर पर बार्शी तालुका के खजूर उत्पादक किसान इस असमय संकट के कारण दहशत में हैं, और स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि उनकी मेहनत की कमाई उनके हाथों में रहते ही बर्बाद हो गई।
बार्शी तालुका के सौंदरे सीमा के किसान राजेंद्र प्रताप देशमुख ने 2008 में अपने ढाई एकड़ खेत में 200 से अधिक खजूर के पेड़ लगाए थे। हर साल इस बगीचे से उन्हें 5 से 6 लाख रुपए की आमदनी होती थी। लेकिन पिछले दो वर्षों से अनियमित बारिश के कारण यह संकट लगातार बना हुआ है। इस साल भी 15 मई से हो रही लगातार बारिश के चलते पूरे बगीचे के फल पेड़ों से गिर गए हैं, जिससे लगभग 3 लाख रुपए का नुकसान हुआ है, ऐसा उन्होंने बताया।
देशमुख ने कहा, “मैं कई वर्षों से इस उद्यान को स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं। लेकिन पिछले दो लॉकडाउन के बाद मौसम में बड़ा बदलाव आया है। इस साल गर्मी के बीच में ही बारिश हो गई, जिससे पूरी उपज जमीन पर गिर गई। मुझे सरकार से बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं, लेकिन मेरा विनम्र अनुरोध है कि कृषि विभाग पंचनामा करे और कम से कम कुछ मामूली सहायता प्रदान करे।”
सोलापुर जिले के सूखाग्रस्त क्षेत्र में खजूर की खेती किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण मानी जाती थी। टिकाऊ और बाजार में अच्छी कीमत दिलाने वाली यह फसल अब मौसम की अस्थिरता के चक्र में फंसती जा रही है। सौंदरे क्षेत्र में देशमुख जैसे कई खजूर किसान इस बारिश से प्रभावित हुए हैं।
स्थानीय स्तर पर अब मांग जोर पकड़ रही है कि कृषि विभाग और तहसील प्रशासन तुरंत पंचनामा करे और प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करे। यह बेहद जरूरी है कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सरकार की प्रतिक्रिया समय पर और प्रभावी हो। यह भी स्पष्ट रूप से व्यक्त किया जा रहा है कि अगर किसानों को समय पर सहायता मिलती है, तो वे इस संकट से उबर सकते हैं।