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पावरलूम मजदूरों के हक़ की लड़ाई तेज़ होगी

शहाजहान अत्तार - राज्य प्रमुख - महाराष्ट्र

सोलापुर:- सोलापुर का एक पावरलूम मजदूर, जो अपनी जीविका चलाने के लिए प्रतिदिन फैक्ट्री में बारह घंटे काम करता है, आज भी बंधुआ मजदूर जैसा जीवन जीने को मजबूर है। जब पावरलूम चलता है, तो उसमें केवल कपड़ा नहीं बुना जाता, बल्कि मजदूरों का पसीना और उनका संघर्ष बुना जाता है। गैंडे की खाल जैसी संवेदनहीन इस सरकार को इसका कोई अहसास नहीं है। वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक कॉ. नरसैया एडम मास्टर ने चेतावनी दी कि पावरलूम मजदूरों को अपने वतन से पलायन के लिए मजबूर करने वाली सरकार के खिलाफ संघर्ष और तेज किया जाएगा।

क्रांतिसूर्य महात्मा फुले की जयंती के अवसर पर, गुरुवार 11 अप्रैल को पावरलूम फेडरेशन की राज्य स्तरीय बैठक, सीआईटीयू के केंद्रीय कार्यालय दत्त नगर में वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक कॉ. नरसैया एडम मास्टर की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
इस बैठक में इचलकरंजी, मालेगांव, भिवंडी और सोलापुर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर सीआईटीयू के राज्य महासचिव एडमिन एम. एच. शेख, कंपनी भर्मा कांबले, सुनील चव्हाण, वेंकटेश कोंगारी, किशोर मेहता और अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे।

मार्गदर्शन करते हुए कॉ. नरसैया मास्टर ने कहा कि महाराष्ट्र में बुनकरों और पावरलूम मजदूरों का संघर्ष पिछले पांच दशकों से अनवरत जारी है। सीआईटीयू लगातार पहचान पत्र, उपस्थिति पत्र, आठ घंटे कार्य, ओवरटाइम वेतन, श्रम कानूनों का पालन, सामाजिक सुरक्षा, बोनस, चिकित्सा सुविधा, सेवानिवृत्ति पेंशन, भविष्य निधि, मुफ्त शिक्षा, छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा, मुद्रास्फीति-संलग्न न्यूनतम वेतन, रोजगार की गारंटी और सुरक्षा, तथा मथाडी श्रमिक मॉडल के आधार पर पावरलूम श्रमिकों के लिए कल्याण बोर्ड की स्थापना जैसी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही है।

दुख की बात है कि कोई भी सरकार या विचारधारा सत्ता में हो, लेकिन पावरलूम मजदूरों की न्यायोचित मांगों को हमेशा जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है। कॉ. नरसैया मास्टर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब मजदूर इस अन्याय को और अधिक सहन नहीं करेंगे।

विद्युतकरघा श्रमिकों की लंबित मांगों, श्रम कानूनों में प्रतिगामी संशोधनों, तथा विद्युतकरघा श्रमिक कल्याण बोर्ड की स्थापना जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए 13 जून को मालेगांव में एक दिवसीय राज्य स्तरीय विशेष अधिवेशन आयोजित किया जाएगा। इस अधिवेशन में आगे के संघर्ष की दिशा और कार्यक्रम तय किए जाएंगे। साथ ही, पावरलूम श्रमिकों के समर्थन में एक लाख हस्ताक्षर एकत्र करने का अभियान भी चलाया जाएगा।

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