ग्रामीण विकास योजनाओं की प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर
शहाजहान अत्तार - राज्य प्रमुख - महाराष्ट्र
पुणे: ग्राम विकास विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और विकास का दायित्व संभालता है। इस विभाग के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की जाती हैं। ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री जयकुमार गोरे ने अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यमंत्री के 100 दिवसीय विशेष कार्यक्रम में योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने और ग्रामीण लोगों के जीवन को सरल बनाने का निर्देश दिया।
यह निर्देश उन्होंने पुणे डिवीजन की समीक्षा बैठक में दिया, जिसकी अध्यक्षता उन्होंने विधान भवन सभागार में की। बैठक में विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ डावले, संभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंदवार, विभिन्न जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री ने कहा कि महाआवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के जरूरतमंदों को घर और भूमिहीनों को जमीन प्रदान की जाए। इसके अलावा, राश्रृगराय ग्राम स्वराज्य योजना, पर्यटन और तीर्थ विकास कार्यक्रम, तथा अपना सरकार सेवा केंद्र जैसी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए ठोस योजना तैयार की जाए।
जनप्रतिनिधियों के सहयोग से विकास कार्यों को शीघ्र पूरा करने और स्व-सहायता समूहों के लिए बाजार उपलब्ध कराने हेतु केंद्र स्थापित करने पर जोर दिया गया। उन्होंने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लखपति दीदी योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में महाआवास योजना के लाभार्थियों की पहचान कर लाभ सुनिश्चित करें। ग्राम पंचायत और पंचायत समिति कार्यालयों में संपर्क नंबर और शिकायत निवारण की जानकारी बोर्ड पर प्रदर्शित करने का भी सुझाव दिया गया।
समीक्षा बैठक में लंबित अपीलों, सेवा और स्थापना मामलों, चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति और सेवानिवृत्ति लाभ जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। मंत्री ने लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने का आदेश दिया।
संभागीय आयुक्त डॉ. पुलकुंदवार ने महाआवास योजना और अन्य योजनाओं के तहत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए समन्वय और विशेष अभियान चलाने पर जोर दिया। प्रमुख सचिव डावले ने नागरिक सुविधाओं जैसे पेयजल, बैठने और स्वच्छता की व्यवस्था सुनिश्चित करने की प्राथमिकता दी।
बैठक में पुणे, सतारा, सोलापुर, कोल्हापुर और सांगली जिला परिषदों के अधिकारियों ने भाग लिया और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।