बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले: अंतरराष्ट्रीय कदम की मांग
शहाजहान अत्तार - राज्य प्रमुख - महाराष्ट्र

सोलापुर: बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता उखाड़ फेंकने के बाद नए नेतृत्व का झुकाव दक्षिणपंथ की ओर होता दिख रहा है। कहा जा रहा है कि नवगठित सरकार को अमेरिका जैसे साम्राज्यवादी और पूंजीवादी राष्ट्रों का समर्थन प्राप्त है। इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में कुछ असंतुष्ट वर्ग दंगों और हमलों की साजिश कर रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। इस कारण वहां के अल्पसंख्यक समुदाय मदद की अपील कर रहे हैं।
ऐसे में हिंदुओं और उनके मंदिरों की सुरक्षा की आवश्यकता है, लेकिन इस दिशा में ठोस कदम उठते नहीं दिख रहे। इस मामले में हर स्तर पर चुप्पी साधने की प्रवृत्ति सामने आ रही है। किसी भी देश में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अन्याय और उत्पीड़न के खिलाफ वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित करना जरूरी है। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके मंदिरों की सुरक्षा के लिए इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की आवश्यकता है, और इस दिशा में भारत सरकार को पहल करनी चाहिए।
शनिवार, 14 दिसंबर 2024 को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) जिला समिति ने बांग्लादेश में हुई अमानवीय घटना और महाराष्ट्र में संविधान को नुकसान पहुंचाने के विरोध में प्रदर्शन किया। इस अवसर पर सभी कार्यकर्ताओं ने काले कपड़े और रिबन पहनकर, काले झंडे लेकर तख्तियां प्रदर्शित करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद, कॉमरेड यूसुफ शेख के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर कार्यालय के तहसीलदार बालाजी बंसोडे को ज्ञापन सौंपा।