बारामती में चुनावी सभा: जय पवार का भावुक भाषण, अजित पवार को मिला जनसमर्थन
जावेद अत्तार : ब्यूरो चीफ
पुणे(बारामती) :- विधानसभा चुनाव सत्तारूढ़ महागठबंधन और महागठबंधन समेत सभी राजनीतिक दलों के लिए अस्तित्व की लड़ाई है।विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म होने से पहले एनसीपी के उम्मीदवार और बारामती के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र जयदादा पवार की तोप मिशन हाई स्कूल मैदान में चली। ये भाषण सिर्फ पांच मिनट का था लेकिन बारामतीकर ने सीटियां और तालियां बजाकर भाषण का समर्थन किया।
भाषण की शुरुआत में जय पवार ने कहा कि वह पहली बार अजित दादा के सामने भाषण दे रहे थे, इस वजह से वह डर गए थे, उन्होंने कहा, ‘दादा, अगर मैं कुछ गलत कह दूं तो मुझे माफ कर देना।’ जैसे ही चुनाव घोषित हुए मै और मेरे साथी विधानसभा चुनाव क्षेत्र मे हैं। इस समय मैं गांव-गांव भ्रमण कर रहा था तब कुछ बुजुर्ग बोले, लोकसभा के दौरान हमारी ओर से या गांव की ओर से गलती हुई है।
लेकिन मैंने उनसे कहा, अजितदादा और भाभियों ने मुझे और पार्थदादा को अच्छे गुण सिखाये। इसलिए किसी की गलती नहीं है, सबके अपने-अपने अधिकार हैं। जय पवार ने अपने भाषण में ये भी कहा कि ये लोकतंत्र है हर एक को अपनी भूमिका और पसंद से मतदान करने का अधिकार है।
अजित दादा को पूरे बारामतीकर पूरे पवार परिवार से प्यार करते हैं, इसलिए उन्होंने तब तय किया था कि लोकसभा के ताई यानी साहब और विधानसभा वाले दादा। वे सुबह 5 बजे उठते हैं और रात के दो बजे तक काम करते हैं, वह हमारे हैं दादा।
लोकसभा के दौरान निम्नलिखित लोगों द्वारा कुछ वीडियो वायरल किये गये थे। उन्होंने नैरेटिव सेट किया, विज्ञापन दिखाया, उसमें दो टैंकर कहीं ले गए और व्हाट्सएप पर दिखाया कि सौ टैंकर ले गए। उन्होंने किसी गांव में दो लाइटें लगाईं और व्हाट्सएप पर दिखाया कि उन्होंने 100 गांवों में लाइटें लगाई हैं। फिर मैं दादा के पास गया और कहा, दादा, आपने पैंतीस साल तक विकास का काम किया है, आइए हम भी इसका विज्ञापन करें।
विधानसभा चुनाव प्रचार के समापन दिवस पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की आखिरी बैठक उनकी घरेलू पिच माने जाने वाले बारामती में हुई । अजित पवार ने सुबह से विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में चार बैठकें कीं। सभा में बारामती के लोगों की भारी भीड़ देखी गई। ऐसा देखने को मिला कि इस बैठक में अजित पवार ने बारामती के लोगों को भावनात्मक समर्थन दिया।