
मुंबई:- हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और ‘भारत कुमार’ के नाम से प्रसिद्ध मनोज कुमार का आज मुंबई में 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और उनका इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था।
मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था। उन्होंने भारतीय सिनेमा में देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्मों के जरिए एक अलग पहचान बनाई। ‘शहीद’, ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ और ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों में उनके अभिनय और निर्देशन ने उन्हें एक सशक्त फिल्मकार और अभिनेता के रूप में स्थापित किया।
उनके निधन की खबर से फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री, कई वरिष्ठ फिल्म कलाकारों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “मनोज कुमार जी ने फिल्मों के माध्यम से देशभक्ति की भावना को जन-जन तक पहुंचाया। उनका योगदान अमूल्य है। उनके निधन से गहरा दुख हुआ है।”
मनोज कुमार को 1992 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था, और 2016 में उन्हें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भी प्रदान किया गया। उनका सिनेमा आज भी भारतीय संस्कृति, देशभक्ति और सामाजिक संदेशों की मिसाल माना जाता है।
उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान पर रखा जाएगा, और उनका अंतिम संस्कार कल मुंबई के सांताक्रूज़ श्मशान घाट में किया जाएगा।
मनोज कुमार का जाना भारतीय सिनेमा के एक युग के अंत की तरह है। वे हमेशा देशभक्ति और समर्पण की मिसाल बने रहेंगे।