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विश्व युध्द

पाकिस्तान के पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज हमीद के विवादों में घिरने का नया अध्याय

एस के सिंह: प्रधान संपादक

युध्द-रिपोर्ट: इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व इंटर-सर्विसेज़ इंटेलिजेंस (ISI) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) फैज हमीद एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। पिछले कुछ वर्षों में उनके करियर से जुड़े विवादों ने पाकिस्तान की राजनीति और सैन्य व्यवस्था में हलचल मचा दी है। फैज हमीद, जिन्होंने 2019 से 2021 तक आईएसआई के निदेशक के रूप में सेवा की, देश के सबसे प्रभावशाली और विवादास्पद सैन्य अधिकारियों में से एक रहे हैं।

फैज हमीद को 2019 में आईएसआई का प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति के समय से ही, वे पाकिस्तान के आंतरिक मामलों और राजनीति में उनकी भूमिका को लेकर चर्चाओं में रहे। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों को संभाला, जिनमें से कुछ ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद पैदा किया।

फैज हमीद का नाम विशेष रूप से 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में वापसी के साथ जुड़ा रहा। जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया, तो फैज हमीद काबुल में देखे गए थे। इसे पाकिस्तान की तालिबान के साथ घनिष्ठ संबंधों का प्रतीक माना गया। हालांकि, पाकिस्तान की सरकार ने हमेशा इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने तालिबान को किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष सहायता प्रदान की है। इसके बावजूद, हमीद की यह यात्रा अंतरराष्ट्रीय मीडिया और विशेषज्ञों के बीच व्यापक चर्चा का विषय बनी रही।

फैज हमीद पर पाकिस्तान की राजनीति में हस्तक्षेप करने के आरोप भी लगे हैं। उनके आईएसआई प्रमुख के पद पर रहते हुए, उन पर इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार को समर्थन देने के आरोप लगे थे। विपक्षी दलों ने उन पर सेना की शक्ति का उपयोग करके सरकार की नीतियों को प्रभावित करने का आरोप लगाया। उनके खिलाफ आरोपों में यह भी कहा गया कि उन्होंने न्यायपालिका और मीडिया पर दबाव डालने का प्रयास किया था, ताकि वे सरकार के खिलाफ कोई आवाज न उठाएं।

2021 में आईएसआई प्रमुख के पद से हटाए जाने के बाद, फैज हमीद को पेशावर कोर का कमांडर नियुक्त किया गया। हालांकि, कुछ ही समय बाद वे सेवानिवृत्त हो गए। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी, उनके कार्यों और निर्णयों पर विवादों का साया बना रहा।

हाल ही में, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि फैज हमीद को सेना और सरकार के बीच बढ़ते तनाव के कारण एक बार फिर से जांच के घेरे में लाया जा सकता है। उन पर लगे आरोपों की समीक्षा की जा रही है और अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान की राजनीति और सेना में उनका क्या स्थान रहेगा, खासकर ऐसे समय में जब देश कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है।

फैज हमीद की कहानी पाकिस्तान की जटिल राजनीति और सैन्य सत्ता के समीकरणों को उजागर करती है। उनके खिलाफ लगे आरोप और उनके प्रभाव ने उन्हें देश के सबसे विवादास्पद सैन्य अधिकारियों में से एक बना दिया है।

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