Advertisement
देश

RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक: ब्याज दरें स्थिर रहने की संभावना

राजकुमार राजपूत - संवाददाता

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज हो रही है, जिसमें ब्याज दरों में संभावित बदलाव पर चर्चा की जाएगी। हालांकि, वर्तमान अनुमान है कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन इस बैठक के परिणामों के व्यापक आर्थिक प्रभावों की संभावना को देखते हुए इसे अत्यधिक महत्व दिया जा रहा है।

MPC की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में 2016 के संशोधन के तहत की गई थी। इस समिति का मुख्य उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और आर्थिक विकास को बनाए रखना है। समिति के पास ब्याज दरों को निर्धारित करने की शक्ति होती है, जो देश की आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

वर्तमान में, रेपो दर 6.50% पर है, और अधिकांश विश्लेषकों का मानना है कि RBI इस बैठक में इसे अपरिवर्तित रखेगा। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि हाल के महीनों में मुद्रास्फीति की दर अपेक्षाकृत स्थिर रही है और आर्थिक विकास के संकेतक भी सकारात्मक हैं।

1. ऋण पर प्रभाव: यदि ब्याज दरें स्थिर रहती हैं, तो यह कर्जदाताओं और गृह ऋण धारकों के लिए एक राहत की बात होगी। इससे उनके मासिक किस्तों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।

2. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: स्थिर ब्याज दरें मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकती हैं, जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

3. निवेश पर प्रभाव: निवेशक इस बैठक के परिणामों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। स्थिर ब्याज दरें निवेश के माहौल को स्थिर बना सकती हैं, जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास भी बढ़ सकता है।

एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री, अभिजीत बरुआ का कहना है, “वर्तमान आर्थिक संकेतकों को देखते हुए, यह संभावना कम है कि RBI ब्याज दरों में बदलाव करेगा। हालांकि, भविष्य में वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों और घरेलू आर्थिक स्थितियों के आधार पर यह निर्णय पुनः मूल्यांकन किया जा सकता है।”

प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य सरकारी ऋण योजनाओं पर भी इस निर्णय का सीधा प्रभाव पड़ सकता है। ब्याज दरों के स्थिर रहने से इन योजनाओं के तहत ऋण लेने वालों को अतिरिक्त लाभ मिल सकता है।

RBI की मौद्रिक नीति समिति की यह बैठक आर्थिक जगत में एक महत्वपूर्ण घटना है। भले ही वर्तमान अनुमान यह है कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन इसके परिणामों का व्यापक आर्थिक प्रभाव हो सकता है। सभी की निगाहें इस बैठक के परिणामों पर टिकी हुई हैं, जो आने वाले महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

यह देखना दिलचस्प होगा कि MPC अपनी घोषणा के साथ क्या निर्णय लेती है और यह भारतीय वित्तीय बाजारों और सामान्य जनता पर कैसे प्रभाव डालता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}