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प्रेरणा/बधाईयां

1.41 लाख से अधिक लोगों के लिए जगह वाले 1,986 आश्रय गृह बनाए गए !!!

संपादकीय

रिपोर्ट :- भारत की जनगणना में बेघर लोगों सहित देश में दशकीय आधार पर जनसंख्या की गणना की जाती है। भारत की जनगणना 2011 के अनुसार, देश के शहरी क्षेत्रों में कुल 9,38,348 लोग बेघर थे।

‘भूमि’ और ‘उपनिवेशीकरण’ राज्य के विषय हैं। इसलिए, बेघरों सहित अपने नागरिकों के लिए आवास से संबंधित योजनाओं को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।

हालांकि, आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (एमओएचयूए) देश भर के शहरी क्षेत्रों में पक्के घर उपलब्ध कराने के लिए 25 जून, 2015 से प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत केंद्रीय सहायता प्रदान करके राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों को पूरक बनाता है।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्तावों के आधार पर, अब तक 1.18 करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है। स्वीकृत घरों में से, 114.33 लाख से अधिक घरों का निर्माण शुरू हो चुका है, जिनमें से 85.04 लाख से अधिक घर बनकर तैयार हो चुके हैं/पात्र लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।

पीएमएवाई-यू योजना की कार्यान्वयन अवधि जो पहले 25.06.2015 से 31.03.2022 तक थी, को अब 31.12.2024 तक बढ़ा दिया गया है, सिवाय क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) वर्टिकल के, ताकि फंडिंग पैटर्न और कार्यान्वयन पद्धति में बदलाव किए बिना योजना के तहत स्वीकृत सभी घरों को पूरा किया जा सके।

इसके अतिरिक्त, सरकार दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) के तहत शहरी बेघरों के लिए आश्रय (एसयूएच) की एक योजना लागू कर रही है, ताकि शहरी बेघर आबादी के लिए जल आपूर्ति, स्वच्छता, सुरक्षा और संरक्षा जैसी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं सहित स्थायी आश्रयों की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

अब तक देश में शहरी बेघरों के लिए इस योजना के तहत 1.41 लाख से अधिक लोगों के लिए जगह वाले 1,986 आश्रय गृह बनाए गए हैं।

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