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जन दर्शन- विकास

आर्ट ऑफ लिविंग और केंट के आपसी सहयोग से 1,00,000 वाटर फिल्टर मुफ्त में बांटे जाएंगे!!!

संपादकीय

बेंगलुरु :– ग्रामीण स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ाने के लिए, आर्ट ऑफ लिविंग और केंट ने पूरे भारत में  केंट गोल्ड UF (ऑप्टिमा) वाटर फिल्टर मुफ्त में बांटने के उद्देश्य से एकजुट होकर एक अच्‍छी कोशिश को अंजाम दिया है। इस मकसद से 10 जून 2024 को दिल्ली में एक समझौते (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए गए। हस्ताक्षर समारोह में उपस्थित श्री प्रसन्ना प्रभु, द आर्ट ऑफ लिविंग सोशल प्रोजेक्ट्स के अध्यक्ष और श्री महेश गुप्ता, प्रबंध निदेशक, केंट सहित कई बड़ी हस्तियां मौजूद थीं, जबकि गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर की दिव्य उपस्थिति ने इस अवसर को और भी प्रेरणादायी बना दिया।

इस पहल के तहत चार भारतीय राज्यों में 1,00,000 केंट ऑप्टिमा वाटर फिल्टर बांटने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें पहले चरण में महाराष्ट्र में 25,000 फिल्टर बांटने पर ध्यान दिया जाएगा। यह शुभ कार्य जालना जिले में शुरू होगा, जहां आर्ट ऑफ लिविंग ने यह पता लगाया है कि वहां पीने के साफ पानी की ज़रूरत है। पानी छानकर साफ करने की कैंडल्‍स पानी शुद्ध करने का एक ज़रूरी भाग हैं, जो वाटर फिल्‍टर लगाने के बाद चार साल तक मुफ्त में दी जाएंगी – यह साफ-साफ संकेत है कि इस भलाई के काम में गांव वालों को अतिरिक्त खर्च किए बगैर पीने का साफ पानी मिलता रहेगा।

यह सहयोग आर्ट ऑफ लिविंग की सक्रिय सोच के कारण संभव हुआ है, जिसमें न सिर्फ फिल्‍टर बांटने का काम शामिल है, बल्कि उन इलाकों की पहचान करना भी शामिल है जहां इन पानी के फिल्टर की ज़रूरत है। संगठन की एक समर्पित तकनीकी टीम पानी के उम्‍दा होने की जांच करके यह सुनिश्चित करेगी कि फिल्टर वहीं बांटे गए हैं जहां पीने का पानी असुरक्षित है।

यह पहल गांवों में स्वास्थ्य और स्वच्छता कार्यों के तहत आती है, जिसका यही मकसद है कि भारत के गांवों में लोगों को हमेशा पीने का साफ पानी मिलता रहे।

गांवों के विकास में आर्ट ऑफ लिविंग की बदलाव लाने की सफल कोशिश

स्वयंसेवकों द्वारा 2,36,000+ स्वच्छता अभियान आयोजित किए गए

तनाव कम करने और अच्छे बर्ताव के लिए गांवों के कार्यक्रमों में 1,67,600+ लोगों को प्रशिक्षण दिया गया

समुदाय की कारगर ढंग से सेवा करने, शासन में सुधार करने और राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों में योगदान देने के लिए कर्मयोगी कार्यक्रम के तहत कर्मयोगी के ज़रिए भारत में 2,50,000+ युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया

गांवों में बदलाव लाने के लिए 1,00,000+ कार्यकर्ता तैयार किए गए

गांवों के अखंड विकास के लि‍ए 59,000+ युवाओं को समुदाय की बागडोर सौंपी गयी

 स्थायी विकास उन्नति (SDG) अमल में लाने के लि‍ए “प्रोजेक्‍ट भारत” पहल के तहत‍ 18,915 गांवों में 69,000+ ग्रामीण प्रतिनिधि नियुक्त किए गए

1,10,000+ धुआं रहित चूल्हे बांटे गए

62,000+ शौचालय बनाए गए

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