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झारखण्ड

विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस पर बाल मजदूरी जैसी समस्याओं को लेकर निकाला रैली

प्रतीक सिंह: सहायक ब्यूरो चीफ

धनबाद:-बुधवार को विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस के अवसर पर झरिया स्थित सामाजिक परियोजना ने झरिया के कोयला क्षेत्रों में चल रही बाल मजदूरी जैसा गंभीर समस्या को ले कर एक रैली निकाल कर फिर से ये मुद्दा उठाया है। कोलफील्ड चिल्ड्रन क्लासेज ने इस रैली के माध्यम से वृहद समाज से कोयला क्षेत्रों में सदियों पुराने मानवीय संकट को दूर करने के लिए कुछ कदम उठाने की अपील की।

झरिया स्थित शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता पिनाकी राय के नेतृत्व में 55-60 बच्चों ने “बचपन बचाओ,बाल श्रम हटाओ”अभियान में भाग लिया समाज को याद दिलाया।यह रैली दीपुधोरा कोलियरी, कुजामा कोलियरी, लोदना कोलियरी, लिलोरीपथरा के इलाके में घूमकर झरिया के हेटलीबांध में समाप्त हुई।

बच्चों के हाथ में तख्तियों थी,जहां पर लिखा था कि “रॉकेट साइंस के युग में बच्चों को कोयला खदानों में क्यों मजदूरी करना पड़ता है”? ये भी लिखा था कि,”बच्चे इस उम्र में सीखने के लिए पैदा होते हैं कमाने के लिए नहीं”,’बच्चे देश की संपत्ति हैं, बोझ नहीं’ सह ‘नियमों का पालन करो और बाल श्रम बंद करो’ आदि।

उन्होंने नारे लगाते हुए कहें कि’भारत माता क्या चाहती है – बाल मजदूरी बंध करों।रैली में शामिल बच्चों ने हाथ में हाथ डाल कर सभी को बाल मज़दूरी के खिलाफ जागरूकता पैदा करने का संकल्प लिए।रैली के 4-5 किलोमीटर लंबे रास्ते में लगातार नारे लगाते हुए लोगों को जागरूक किया। सीआईएसएफ के जवान साथ फोटो भी उठाएं।

आम लोगों ने बाल श्रम बंद करने के मुद्दे का समर्थन किया।कोलफील्ड चिल्ड्रन क्लासेज के बच्चों में कुछ बच्चे कोयला क्षेत्रों में भी बाल श्रम करते हैं।जहां कक्षा 10 पास छात्रा सुहानी कुमारी और नंदिनी कुमारी ने बताया कि हमें काम करना पसंद नहीं है, हम पढ़ना चाहते हैं लेकिन हालात ने हमें पैसे के लिए काम करने पर मजबूर कर दिया है।

अगर सरकार की ओर से कोई योजना है तो हम काम नहीं करेंगे। हम रैली में शामिल हुए हैं क्योंकि हम नहीं चाहते कि दूसरे बच्चे कोयले के साथ काम करें।कोलफील्ड चिल्ड्रन क्लासेज के संस्थापक पिनाकी रॉय ने कहा की यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि झरिया कोलफील्ड्स में अभी भी हजारों से अधिक बच्चे बाल श्रम के रूप में काम कर रहे हैं,कई प्रतिभाएं आधी-अधूरी अवस्था में ही नष्ट हो रही हैं। समाज से बाल श्रम को हटाना अब हमारे देश का प्रमुख एजेंडा होना चाहिए।

एक तरफ हमारे देश अंतरिक्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग में इतना प्रगतिशील है, वहीं हमें आर्थिक और सामाजिक इंजीनियरिंग में भी प्रगति की आवश्यकता है।आज के विश्व बाल मजूदरी निषेध दिवस रैली में कोलफील्ड चिल्ड्रन क्लासेस के केंदुआ,लोदना और झरिया शाखाओं से 11 से 23 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल हुए हैं।

रैली में पिनाकी रॉय और शिक्षक सह कलाकार संजय पंडित के अलावा केंदुआ से सुमन कुमारी, सावित्री कुमारी, सुहानी कुमारी, अंजली कुमारी, दुर्गा कुमारी,राधिका कुमारी,नंदिनी कुमारी, नीलम कुमारी,प्रेम कुमार, आदित्य कुमार आदि तथा झरिया से सोनू कुमार,रिंकी कुमारी, पंकज कुमार,अभिषेक कुमनार,संजना कुमारी, दीपशिखा कुमारी, रागिनी कुमारी,नंदिनी झा,अंजनी कुमारी आदि और दीपूधौरा से सिमरन कुमारी,सनी कुंमार, पायल कुमारी,कोनमल कुमारी,नयना कुमारी, गायत्री कुमारी,मोनू कुमार,अमन कुमार, जिगर कुमार,रोशनी कुमारी आदि उपस्थित थे।

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