
नई दिल्ली:- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने गुरुवार को विपक्ष के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि मुस्लिमों के अधिकार छीने जा रहे हैं। राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विधेयक का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय, विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा, “यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है, बल्कि उनके उत्थान के लिए लाया गया है।”
लोकसभा में पारित, राज्यसभा में लंबी बहस
इससे एक दिन पहले, बुधवार को लोकसभा में यह विधेयक 288-232 मतों के बहुमत से पारित हो चुका था। गुरुवार को राज्यसभा में करीब 10 घंटे तक इस पर बहस हुई, और देर रात इसके पारित होने की संभावना जताई गई। दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद, विधेयक को राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा और उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
विपक्ष रहा अपेक्षाकृत शांत
राज्यसभा में विधेयक को लेकर भारी हंगामे की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन लोकसभा में सरकार द्वारा दिए गए मजबूत तर्कों और विधेयक के मुस्लिम हितैषी स्वरूप को लेकर विपक्ष का रुख अपेक्षाकृत नरम दिखाई दिया। इस दौरान विपक्ष की अधिकतर सीटें खाली रहीं, जबकि सत्ता पक्ष की उपस्थिति पूर्ण रही।
गृह मंत्री अमित शाह का सक्रिय हस्तक्षेप
विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार हस्तक्षेप किया और विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब दिया। जब कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ट्रिब्यूनल को लेकर बोल रहे थे, तब शाह ने स्पष्ट किया कि अब तक ट्रिब्यूनल के फैसलों को चुनौती नहीं दी जा सकती थी, लेकिन नए विधेयक में यह प्रावधान जोड़ा गया है। इसके अलावा, जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासनकाल में मुस्लिम महिलाओं को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बना दिया गया था।
रिजीजू ने ‘उम्मीद’ का अर्थ समझाया
रिजीजू ने कहा कि यह विधेयक गरीब और पिछड़े मुस्लिम समुदायों के विकास का मार्ग खोलने वाला है, इसलिए इसका नाम ‘उम्मीद’ रखा गया है, जिसका पूरा नाम है – Unified Waqf Management Empowerment, Efficiency and Development। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब विकसित भारत की बात करते हैं, तो उसमें मुस्लिम समुदाय भी शामिल है।”
वक्फ बोर्ड पर उठाए सवाल
रिजीजू ने वक्फ बोर्ड के मनमाने व्यवहार की आलोचना की और कहा कि दिल्ली में शहरी विकास मंत्रालय और दिल्ली विकास प्राधिकरण की 123 संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड दावा कर रहा है, जो उचित नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि “ऐसे ही चलता रहा तो कल वक्फ संसद भवन पर भी दावा कर सकता है।” उन्होंने केरल और तमिलनाडु के कुछ उदाहरण भी दिए, जहाँ वक्फ संपत्तियों को लेकर विवाद सामने आए हैं।